हिमाचल प्रदेश

पिछले साल की अपेक्षा इस बार 50 फीसदी कम है फसल

Shreya
12 Aug 2023 6:19 AM GMT
पिछले साल की अपेक्षा इस बार 50 फीसदी कम है फसल
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पतलीकूहल: कुल्लू घाटी में इस वर्ष बरसात के प्रकोप के बाद सेब उत्पादन गत वर्ष से आधा होने की संभावना हैं। क्योंकि इस वर्ष घाटी में भारी भूस्खलन के कारण क्षेत्र में बागानों को भारी क्षति हुई है। लोगों के सेब से लदे पौधों भूस्खलन की चपेट में आने से जमींदोज हो गए जिसके कारण सेब उत्पादन का आंकड़ा गत वर्ष से 50 फीसदी कम हो गया है।

हालांकि बाढ़ से पहले आलंकन 30 फीसद कम उत्पादन का आंका गया है। मगर जुलाई महीने के दूसरे सप्ताह में जिस तरह से बरसाती का कहर टूटा है। उसने जानमाल के साथ बागानों को भी धराशायी किया है। जून के महीने में जब गर्मी की आवश्यकता रहती है। उस समय घाटी में बर्फवारी का दौर रहा जिससे सेब का आकार बनने में मौसम वाधक रहा है और जब आकार बढऩे व रंग के आने की स्थिति बन रही है तो बागवान रंग रहित सेब को तोडऩे पर जोर दे रहें हैं जिससे नुकसान है। इस वर्ष बरसाती मौसम जहां बाढ़ से नुकसान कर गया। (एचडीएम)

सेब पकने में लगेगा समय, बागबान रखें धैर्य

पतलीकूहल सब्जी मंडी के आढ़ती राजीव ठाकुर ने कहा कि सब्जी मंडी में अरली बरायटी का सेब का भाव 80 से 100 रूपए प्रति किलो चल रहा है। वहीं पर बागवान हरा सेब तोड़ कर भी ला रहें हैं जो कि 30 से 40 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। जिन बागवानों के सेब के बागानों में नुकसान हुआ है। वह तो टूटे व दबे हुए सेब के पौधों में लगे फल तोड़ रहें हैं। राजीव ठाकुर ने कहा कि अभी सेब के रंग और आकार बढऩे के काफी समय है जिसके लिए बागवानों को संयम व विवेक से कार्य करना होगा। क्येांकि इस वर्ष पहले ही गत वर्ष से करीब 50 फीसद फसल कम हैं और अछी क्वालिटी के सेब का भाव भी बढिया रहेगा। अभी सेब के तोड़ा करने की बजाय उसकी क्वालिटी को बनाने के लिए समय लगाना चाहिए। जिन बागानों में पर्याप्त रूप से पते हैं। उन बागानों में सेब की क्वालिटी को सुधारने के लिए बेहतर समय हैं। इस वर्ष पहले से ही सेब की फसल के अनुरूप मौसम का रवैया नहीं रहा।

सेब का रंग व साइज पर्याप्त नहीं

कुल्लू फलोत्पादक मंडल के महासचिव एंव सब्जी मंडी के आढ़ती राजीव ठाकुर ने बागवानों को चेताया कि वह उन बागानों में जिनमें पौधों पर पते हैं। उनके फलों की क्वालिटी को बनाए। क्योंकि अभी सेब का साईज व रंग दोनों के लिए पर्याप्त समय हैं। इसके लिए जल्दीबाजी ने करें। उन्होंने कहा कि यदि सेब क्वालिटी वाला होगा। तो उसका दाम भी उसी के सदृश होगा। अन्यथा कचा हरा सेब मंडियों में आयेगा तो उससे बागवानों को हानि ही होगी।

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