हिमाचल प्रदेश

हिमाचल में इस बार अगली सरकार का फैसला नारी 'शक्ति' करेगी, 18 सीटों पर पुरुषों की अपेक्षा आठ से 15 फ़ीसदी ज्यादा पड़े महिलाओं के वोट

Renuka Sahu
15 Nov 2022 1:53 AM GMT
This time in Himachal, womens shakti will decide the next government, in 18 seats, the votes of women are eight to 15 percent more than men.
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न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com

हिमाचल में अगली सरकार का फैसला महिला शक्ति करेगी। इसकी वजह यह है कि राज्य की 68 में से 18 सीटों पर महिलाओं का वोट पुरुषों से 8 से 15 फीसदी ज्यादा पड़ा है। यह

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल में अगली सरकार का फैसला महिला शक्ति करेगी। इसकी वजह यह है कि राज्य की 68 में से 18 सीटों पर महिलाओं का वोट पुरुषों से 8 से 15 फीसदी ज्यादा पड़ा है। यह अंतर इसलिए महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि 2017 के विधानसभा चुनाव में 23 सीटों का फैसला 15 फ़ीसदी से कम वोट के अंतर से हो गया था। जब सरकार बनाने को 34 सीटें चाहिए हों, तो कम अंतर की 23 सीटें खुद महत्त्वपूर्ण हो जाती हैं। हिमाचल विधानसभा के लिए इस बार हुए मतदान में मंडी जिला का जोगिंद्रनगर, ज्वालामुखी, जयसिंहपुर और बैजनाथ में सबसे ज्यादा वोट महिलाओं के पड़े हैं।

जोगेंद्र नगर में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के 8000 वोट ज्यादा हैं। यही कुल वोट का करीब 15 फ़ीसदी है। इसी तरह ज्वालामुखी सीट पर 12.52 फ़ीसदी वोट महिलाओं के ज्यादा है। जयसिंहपुर में 11.83 फ़ीसदी, सुलाह में 10.53 और बैजनाथ सीट पर 11.50 फ़ीसदी वोट महिलाओं के ज्यादा वोट पड़े हैं। इसी तरह कांगड़ा जिला की फतेहपुर, देहरा, नगरोटा बगवां, शाहपुर और पालमपुर सीटों पर भी आठ फ़ीसदी से ज्यादा वोट महिलाओं के हैं। मंडी जिला में जोगिंदर नगर के अलावा सरकाघाट में भी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के वोट 10 फीसदी ज्यादा पड़े हैं।
पुरुष और महिला के वोट में यदि जिला बार अंतर देखें तो कांगड़ा जिला में सबसे ज्यादा नौ फ़ीसदी वोट महिलाओं के पुरुषों के मुकाबले ज्यादा हैं। यहां पुरुषों के वोट 440008 हैं, तो महिलाओं के वोट करीब पांच लाख हैं। इसी तरह मंडी जिला में पुरुषों से पांच फ़ीसदी ज्यादा वोटिंग महिलाओं ने की है। यहां पुरुषों के वोट 307734 हैं, जबकि महिला वोट 330211 हैं। चंबा जिला में भी महिलाओं के वोट पुरुषों से ज्यादा हैं। हालांकि अंतर थोड़ा कम है। यहां केवल दो सीटों डलहौजी और भटियात में महिला वोट ज्यादा पड़े हैं। कुल वोट में भी करीब 2000 का अंतर है। ऊना जिला में पुरुषों के मुकाबले सात फ़ीसदी वोट महिलाओं के ज्यादा पड़े हैं। यहां पुरुषों के वोट 158427 हैं, जबकि महिला वोट करीब 117000 हैं। इस तरह से यह लगभग साफ है कि जिन सीटों पर महिलाओं ने ज्यादा वोटिंग की है, वहां चुनाव नतीजे पर भी इसका असर पड़ेगा? इन दावों की असलियत आठ दिसंबर को ईवीएम के खुलने के बाद ही सामने आएगी। (एचडीएम)
किस पार्टी को जाएंगे महिलाओं के वोट?
अब सवाल यह है कि महिला वोट आखिर किस दल को जाएंगे? कांग्रेस का कहना है कि उन्होंने महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए की गारंटी देकर यह भरोसा जताया है कि महंगाई से जूझ रही रसोई को सिर्फ कांग्रेस पार्टी राहत दे सकती है। दूसरी ओर भाजपा का कहना है कि महिलाओं के लिए 11 संकल्प सिर्फ उनके संकल्प पत्र में हैं। इसमें न सिर्फ छात्राओं को साइकिल और स्कूटी देने का वादा है, बल्कि महिला केंद्रित बहुत सी और स्कीमें भी हैं। भाजपा का यह भी मत है कि महिलाएं सामान्य तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के अनुसार वोट करती हैं।
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