हिमाचल प्रदेश

इस बार हिमाचल में मेधावी बच्‍चों को लैपटॉप की जगह मिलेंगे स्‍मार्ट फोन

Renuka Sahu
8 Oct 2022 2:00 AM GMT
This time in Himachal, meritorious children will get smart phones instead of laptops
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न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com

प्रदेश के स्कूलों में इस बार स्कूली छात्रों को लैपटॉप की जगह स्मार्ट फोन मिलेंगे।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रदेश के स्कूलों में इस बार स्कूली छात्रों को लैपटॉप की जगह स्मार्ट फोन मिलेंगे। शिक्षा विभाग ने इसकी सप्लाई सभी जिलों को भेज दी है और अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से स्मार्टफोन के आबंटन के लिए समय मांगा गया है। इसके बाद ही बच्चों को ये स्मार्टफोन दिए जाएंगे। उम्मीद है कि अगले सप्ताह आचार संहिता से पहले स्कूली छात्रों को ये स्मार्टफोन मिल जाएंगे। सभी जिलों के डिप्टी डायरेक्टर के पास मोबाइल की खेप पहुंच गई है। प्रदेश के स्कूल-कालेजों में पढऩे वाले मेधावियों को लैपटॉप की जगह इस बार स्मार्ट मोबाइल फोन मिलेंगे। शैक्षणिक सत्र 2020-21 के मेधावियों को पहले ही सरकार स्मार्ट मोबाइल फोन देने की घोषणा कर चुकी थी, अब नए प्रस्ताव में सभी मेधावियों को फोन देने की योजना है। इसमें जिला शिमला में ही करीब 1500 मेधावियों को स्मार्ट फोन दिए जाने हैं।

हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड की मैरिट में आए दसवीं और 12वीं के 8800 और कालेजों के 900 मेधावियों को इसी माह स्मार्ट फोन मिलेंगे। इस बार सरकार लैपटॉप की जगह छात्रों को फोन देकर अपना करोड़ों का बजट भी बचाएगी। दरअसल हर साल मेधावी छात्रों को लैपटॉप खरीद कर सरकार का 40 करोड़ से ज्यादा बजट खर्च होता था, लेकिन अब जब छात्रों को स्मार्ट फोन मिलेंगे, तो इस पर कम खर्चा आएगा। इससे केवल 16 से 17 करोड़ का ही खर्चा सरकार का होगा। अहम यह है कि इस साल जो फोन छात्रों को मिलेंगे, उसमें पहले से ही स्टडी मटीरियल उपलब्ध होगा। उच्च शिक्षा निदेशालय ने जैम पोर्टल के माध्यम से फोन की खरीद की है। इस मोबाइल फोन की स्क्रीन 6.3 इंच की रहेगी। साथ ही फोन की बैटरी छह हजार एमएएच की है। यह फोन बच्चों को ईयर फोन के साथ दिया जाएगा। साथ ही मोबाइल में टेंपर्ड ग्लास और बैक कवर भी लगे हुए मिलेंगे। बच्चों को मोबाइल फोन देने का एक मकसद है यह कि वे आगे की पढ़ाई के लिए परेशान नहीं हो। साथ ही पढ़ाई से जुड़ी हर चीज उन्हें आसानी से मिल सके।
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