हिमाचल प्रदेश

ये पांच पर्यटन स्‍थल बने पहली पसंद, धर्मशाला में 90 प्रतिशत तक आक्‍युपेंसी

Gulabi Jagat
28 May 2022 11:59 AM GMT
ये पांच पर्यटन स्‍थल बने पहली पसंद, धर्मशाला में 90 प्रतिशत तक आक्‍युपेंसी
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धर्मशाला में 90 प्रतिशत तक आक्‍युपेंसी
धर्मशाला। Dharamshala Top Five Destinations, वीकेंड पर हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्‍थल सैलानियों से पैक हो गए हैं। धर्मशाला के होटलों में आक्‍युपेंसी 90 प्रतिशत तक पहुंच गई है। इन दिनों धर्मशाला के पांच पर्यटन स्‍थल पर्यटकों की पहली पसंद बने हुए हैं। मैदानी राज्यों में पड़ रही तेज गर्मी से राहत पाने के लिए लोग पर्यटन नगरी धर्मशाला का रुख कर रहे हैं। यहां हर रोज पर्यटक पहुंच रहे हैं, लेकिन वीकेंड ज्यादा अच्छा जा रहा है। धर्मशाला में होटल के अलावा अब होम स्‍टे भी पर्यटकों के लिए उपलब्‍ध हैं। हाेटल सभी बुक होने पर पर्यटक होम स्‍टे का भी रुख कर सकते हैं। बड़ी बात यह है कि पंजाब, राजस्थान, जम्मू, हरियाणा जैसे हर राज्यों से पर्यटक तो आ ही रहे हैं। इसके साथ विदेशी पर्यटक भी आने शुरू हो गए हैं। इसमें आस्ट्रेलिया, इजराइल, कनाडा देशों से पर्यटकों का आना शुरू हो गया है और लंबे टूअर बनाकर रह रहे हैं। पर्यटकों के आने से हाेटल कारोबारियों की तरह से ट्रैकिंग व्यवसाय से जुड़े लोग भी खुश हैं, क्योंकि यहां आने वाले अधिकतर पर्यटक ट्रैकिंग के लिए जा रहे हैं। आइए आपको बताते हैं किन किन जगहों पर जा रहे हैं पर्यटक:-
त्रियुंड
त्रियुंड मैक्लोडगंज के गलू से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर 2828 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह ट्रैकिंग के लिए एक आदर्श स्थान है, जहां से पूरी कांगड़ा घाटी के खूबसूरत नज़ारे दिखाई देते हैं। त्रियुंड का ट्रैक छोटा और सरल है। त्रियुंड शाम का नजारा बेहद ही खूबसूरत लगता है, जहां आप रात के समय कैंपिंग के दौरान चांदनी रोशनी में बर्फ से चमकते पहाड़ों का लुत्‍फ ले सकते हैं।
करेरी ट्रैक
उपमंडल शाहपुर के तहत करेरी झील 3100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यह एक ताजे पानी की झील है। धौलाधार के पहाड़ों से बर्फ पिघलने से झील पानी से भरी रहती है। करेरी झील को धौलाधर पर्वत क्षेत्र में एक ट्रैकिंग गंतव्य होने के लिए सबसे अच्छी तरह से जाना जाता है। धर्मशाला से करेरी झील की दूरी 30 किलोमीटर है, लेकिन यह पूरा रास्ता पैदल तय नहीं करना पड़ता, बल्कि गाड़ियों की सुविधा भी आधे से ज्यादा रास्ते तक मिल जाती है। धर्मशाला से घेरा होकर नोहली गांव में अपने निजी वाहन से पहुंचा जा सकता है। नाेहली पहुंचने के बाद करेरी का ट्रैक 10 किलोमीटर का ही शेष रह जाता है। इसके अलावा शाहपुर बाजार से भी करेरी के लिए रास्ता जाता है, लेकिन वो रास्ता धर्मशाला के मुकाबले दूर है।
आदि हिमानी चामुंडा
कोरोना काल के वाद पहली बार सिद्धपीठ आदि हिमानी चामुंड़ा मंदिर में इन दिनों भारी संख्या में आस्था के सैलाब में वृद्धि हुई है। रोजाना ढाई से तीन हजार श्रद्धालु मां के दर्शनों को पहुंच रहे हैं। नरवाना से 14 किलोमीटर की दुर्गम चढ़ाई चढ़ कर 10 हजार फीट की ऊंचाई पर मां के दर्शनों के साथ धौलाधार पर्वत श्रंखला की मनोरम छटा का आनंद लेने के लिए पर्यटक व श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। शुक्रवार रात को भी मंदिर में भगवती जागरण था, जबकि शनिवार को भंडारे का आयोजन किया जा रहा है।
भागसू वाटरफाल
मैक्लोडगंज से दो किलोमीटर आगे जाकर भागसू वाटरफाल आता है। यहां शुरुआत में भागसूनाग का मंदिर है। मंदिर से करीब एक किलोमीटर पौढ़ियां आगे भागसू वाटर फाल है। इस वाटर फाल की खूबसूरती काे देखने के लिए पर्यटक यहां जरूर पहुंचते हैं। इन दिनों सबसे ज्‍यादा भीड़ इसी डेस्टिनेशन पर है।
ठठारना ट्रैक
धर्मशाला शहर से 11 किलोमीटर दूरी पर स्थित खड़ोता क्षेत्र भी पर्यटकों के लिए पंसदीदा स्थल है और यहां हर रोज पर्यटक जा रहे हैं। इसके साथ ही पर्यटक यहां खड़ौता से आठ किलोमीटर दूरी ठठारना ट्रैक पर भी जा रहे हैं।
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