हिमाचल प्रदेश

कई प्रोजेक्ट शुरू होने में हो चुकी है चार महीने की देरी, FCA क्लीयरेंस में देरी से 7000 करोड़ की राशि भी दांव पर

Gulabi Jagat
27 March 2023 10:28 AM GMT
कई प्रोजेक्ट शुरू होने में हो चुकी है चार महीने की देरी, FCA क्लीयरेंस में देरी से 7000 करोड़ की राशि भी दांव पर
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शिमला: एफसीए क्लीयरेंस को लेकर राज्य सरकार रफ्तार बढ़ाने का प्रयास कर रही है। हालंाकि इस पूरी कसरत के बावजूद बीते चार महीनों से नेशनल हाई-वे के 7000 करोड़ रुपए दांव पर लगे हैं। प्रदेश में आधा दर्जन से ज्यादा परियोजनाओं की फोरेस्ट क्लीयरेंस अटकी पड़ी है। इनमें से फरवरी महीने में महज कालका-शिमला नेशनल हाई-वे पर शिमला बाइपास की मंजूरी को छोड़ दिया जाए, तो बाकी किसी भी परियोजना को एफसीए की मंजूरी नहीं मिल पाई है। फिलहाल, राज्य सरकार ने डीसी और डीएफओ को स्थानीय स्तर पर केस अपलोड करने और तमाम विवाद निपटाने के आदेश दिए हैं। इस फैसले के बाद एफसीए के मामलों में तेजी आने की संभावना जरूर बढ़ी है, लेकिन अभी भी प्रदेश के करीब आधा दर्जन फोरलेन प्रोजेक्ट एफसीए क्लीयरेंस से बाहर नहीं निकल पाए हैं। इन प्रोजेक्ट में भूमि अधिग्रहण को लेकर सबसे ज्यादा विवाद चल रहे हैं। फोरलेन की अगर बात करें, तो प्रदेश भर में करीब 7000 करोड़ के इन प्रोजेक्ट में तीन से चार महीनों की देरी हो चुकी है। दरअसल, एनएचएआई सभी प्रोजेक्ट दिसंबर या जनवरी से शुरू करना चाहता था।
इन प्रोजेक्ट को पूरा करने की मियाद तीन साल तय की गई थी। यानी इस साल जनवरी में फोरलेन के जो प्रोजेक्ट शुरू होने थे, उनका काम दिसंबर 2026 तक पूरा होना था, लेकिन अब मंजूरी न मिलने की वजह से निर्माण शुरू होने की तारीख आगे खिसक रही है। फरवरी महीने में फोरलेन के महज एक पैच को मंजूरी मिली है। कालका-शिमला नेशनल हाईवे में बाइपास का यह इकलौता पैच है, जबकि अन्य सभी की फाइलें आगे खिसका दी गई हैं। गौरतलब है कि एफसीए क्लीयरेंस के मामलों को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एनएचएआई, लोक निर्माण विभाग और वन विभाग की एक साझा बैठक ली थी। इस बैठक में सामने आए सुझावों के बाद उपायुक्त और डीएफओ की अगवाई में कमेटी बनाने का फैसला किया गया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यह आदेश भी दिए कि फोरेस्ट क्लीयरेंस के मामलों को जल्द से जल्द अपलोड किया जाए। उधर, एनएचएआई के परियोजना अधिकारी अब्दुल बासित ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने परियोजना निर्माण में सकारात्मक पहल की है। फोरेस्ट क्लीयरेंस को लेकर छोटे-छोटे विवाद लंबे समय तक चल रहे थे। अब स्थानीय स्तर पर कमेटी का गठन किया गया है और इसकी वजह से ऐसे मामलों का निपटारा तेजी से होगा।
कीरतपुर-नेरचौक एनएच का उद्घाटन जल्द
हिमाचल को एक नया नेशनल हाईवे फोरलेन के साथ जल्द ही मिलने वाला है। कीरतपुर-नेरचौक नेशनल हाईवे का निर्माण 99 प्रतिशत पूरा हो चुका है और महज एक फीसदी का काम बाकी बचा है। बजट सत्र में लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इसका खुलासा किया है। आगामी तीन से चार महीने में काम खत्म कर इस नेशनल हाईवे का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा और उद्घाटन के बाद इस मार्ग पर आवाजाही शुरू कर दी जाएगी।
अब अरण्यपाल भी होंगे एफसीए में तैनात
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट सत्र के दौरान सदन में कहा है कि एफसीए के मामलों में तेजी लाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसके लिए केंद्र सरकार के वन मंत्रालय ने भी अरण्यपाल स्तर के एक अधिकारी को तमाम केस को सुझलाने में तेजी लाने को तैनात किया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि डीसी और डीएफओ की कमेटी बनने के बाद एफसीए क्लीयरेंस में तेजी आएगी।
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