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हिमाचल प्रदेश
वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति ने जाछ में वैज्ञानिकों को दिए सुझाव, खेती में शामिल हो मोटा अनाज
Gulabi Jagat
13 May 2023 9:27 AM GMT
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नूरपुर
डा. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने क्षेत्रीय बागबानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र जाछ (नूरपुर) का दौरा किया। अपने दौरे के दौरान उन्होंने वैज्ञानिकों को कम लागत वाले प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग कर प्राकृतिक खेती को अपनाने पर बल देने को कहा। साथ ही उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जलवायु के अनुसार प्राकृतिक खेती पर आधारित कृषि वानिकी मॉडल विकसित किया जाना चाहिए, ताकि किसान अपनी थोड़ी से जमीन में 3-4 फसलें ले सकें और प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग कर अधिक मुनाफा कमा सकें। उन्होंने कहा कि केंद्र पर एक इंच भी जगह खाली नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने बागीचे में अंतर फसलों की प्राकृतिक खेती को अपनाने के निर्देश दिए।
अंतर फसलों में विभिन्न प्रकार के मोटे अनाज़ को भी शामिल करने के बारे में वैज्ञानिकों को हिदायत दी। फील्ड विजिट के दौरान उन्होंने विभिन्न फलों की सघन खेती की प्रदर्शन इकाइयां अनुसंधान केंद्र व किसानों की जमीन पर भी लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने वैज्ञानिकों को निर्देश दिए कि कोई भी तकनीक विकसित करते हुए इस बात का विशेष ध्यान रखें कि किसान की थोड़ी सी भी जमीन खाली न रहे। उन्होंने केंद्र पर आम की नई किस्मों व लसूड़े के जनन्द्रव्यों की प्रदर्शन इकाइयां लगाने के भी निर्देश दिए। विभिन्न सब्जियों व गेंदा फूल के बीज उत्पादन पर भी जोर देने पर बल दिया। इस मौके पर विवि के निदेशक अनुसंधान डा. संजीव कुमार, निदेशक विस्तार शिक्षा डा. इंद्रदेव, केंद्र के सह निदेशक डा. अतुल गुप्ता, डा. विपन गुलेरिया, डा. राजेश कलेर, डा. धर्मेंद्र, डा. रेणु कपूर आदि मौजूद रहे।
Gulabi Jagat
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