हिमाचल प्रदेश

तत्कालीन कर्ता-धर्ताओं ने हल्के में लिया था मामला, 2022 में भी हुई थी चयन आयोग की गोपनीय शाखा की शिकायत

Gulabi Jagat
25 March 2023 9:15 AM GMT
तत्कालीन कर्ता-धर्ताओं ने हल्के में लिया था मामला, 2022 में भी हुई थी चयन आयोग की गोपनीय शाखा की शिकायत
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हमीरपुर: भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़झाले सामने आने के बाद हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की साख को आज बड़ा बट्टा लग चुका है। पांच एफआईआर और एक दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ दर्ज मामले यह बताने के लिए काफी हैं कि यहां कब से और कितने बड़े स्तर पर गड़बड़ हो रही थी। जानकारी है कि इस तरह की एक शिकायत आयोग के पास वर्ष 2022 में भी आई थी जिसे तत्कालीन आयोग के कर्ता-धर्ताओं ने बहुत हल्के में लिया था। बताते हैं कि यदि उस वक्त शिकायत पर यदि आयोग ने गंभीरता दिखा दी होती तो प्रदेश के इतने बड़े और महत्त्वपूर्ण संस्थान की गरिमा इतनी धूमिल न होती।
बताया यह भी जाता है कि जिन लोगों पर उस वक्त आरोप लगे थे, उनके खिलाफ इन्क्वायरी रिपोर्ट तैयार करने के लिए मात्र एक जूनियर अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उस समय कार्यालय से संबंधित आई शिकायत पर इन्क्वायरी रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया था। उस शिकायत को यदि किसी प्रॉपर एजेंसी के सुपुर्द किया जाता, तो उस समय ही गड़बड़झाला उजागर हो जाता। उस वक्त भी मामला गोपनीय शाखा से ही जुड़ा हुआ था। जो लोग आज सलाखों के पीछे हैं, उन्हीं समेत आयोग के सचिव का उस शिकायत में जिक्र किया गया था। शिकायत में साफ कहा गया था कि पेपर आयोग के बाहर जा रहे हैं।
विजिलेंस को भेजा रिकार्ड
भंग आयोग में रिकार्ड जुटाने का क्रम शुक्रवार को भी जारी रहा। ओएसडी अनुपम कुमार ने विजिलेंस की टीम को मांगा गया रिकार्ड तैयार करके भिजवा दिया है। ओएसडी ने 90 फीसदी रिकार्ड भेज दिया है और जो
बचा है, वो शनिवार तक भिजवा दिया जाएगा।
वॉयस सैंपल मामले में पेशी अब चार अप्रैल को
चार आरोपियों के वॉयस सैंपल मामले पर अब कोर्ट की सुनवाई चार अप्रैल को होगी। आयोग से निलंबित उमा आजाद, उसके दोनों बेटों और एजेंट संजीव कुमार के मामले में भी विजिलेंस ने वॉयस ओवर के लिए सैंपल लेने की अर्जी लगाई थी।
पेपर लीक के आरोपी चपरासी की जमानत याचिका खारिज
पेपर बाहर जाने और गड़बड़ी का जताया गया था अंदेशा
विजिलेंस ने शिकायत से जुड़ा रिकार्ड भी कब्जे में लिया
विधि संवाददाता-शिमला
प्रदेश हाई कोर्ट ने जेओए आईटी पेपर लीक मामले के अन्य आरोपी तत्कालीन हिमाचल प्रदेश स्टाफ सिलेक्शन कमीशन कार्यालय हमीरपुर में रहे चपरासी किशोरी लाल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ ने मामले की गंभीरता और प्रार्थी पर लगे आरोपों की जांच से जुड़े रिकार्ड का अवलोकन करने के पश्चात प्रार्थी किशोरी लाल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। चपरासी किशोरी लाल पर दो कैंडिडेट की आंसर शीट में टैंपरिंग करने का आरोप है। मामले के अनुसार तत्कालीन हिमाचल प्रदेश स्टाफ सिलेक्शन कमीशन में चपरासी रहे मदन लाल और किशोरी लाल पर आरोप है कि उन्होंने विशाल चौधरी और दिनेश कुमार को परीक्षा में पास करने के मकसद से ओएमआर शीट से छेड़छाड़ की। विजिलेंस ने अपनी जांच में छेड़छाड़ के सबूत भी जुटाए हैं।
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