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छैला- नेरीपुल- यशवंत नगर रोड़ की टारिंग की हुई हालत ख़राब, चार महीने पहले बनी थी
राजगढ़ न्यूज़: चार माह के अंतराल में ही छैला- नेरीपुल- यशवंत नगर-कुम्हारहट्टी सड़क की टारिंग उखड़ने लग गई है। क्षेत्र के लोगों ने टारिंग की गुणवता पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बता दें कि इस वर्ष अप्रैल-मई माह के दौरान इस रोड़ पर टारिंग की गई थी। तीन जिला को जोड़ने वाली इस सड़क के सुधारीकरण व पक्का करने पर 46 करोड़ की राशि व्यय की जा रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार 85 किलोमीटर लंबी इस सड़क का 42 किमी हिस्सा राजगढ़ डिवीजन के अधीन आता है। शेष 43 किलोमीटर हिस्सा ठियोग, सोलन और कसौली डिविजन के अधीन आता है। विभाग द्वारा इस कार्य को जुलाई 2020 में पीकेसी कंपनी को अवार्ड किया गया है। आगामी वर्ष 2025 तक इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। काग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी संजीव शर्मा, राजकुमार ठाकुर, रासूमांदर क्षेत्र के पूर्व प्रधान अरूण मेहता, जगमोहन मेहता, रमेश सरैक, प्रदीप कंवर, ज्ञान दत शर्मा शरगांव सहित अनेक लोगों का कहना है कि लोक निर्माण विभाग द्वारा उचित पर्यवेक्षण न किए जाने पर चार महीनों के भीतर ही टारिंग उखड़ जाना चिंता का विषय है, जिसके लिए इन्होने मुख्यमंत्री से उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
गौर रहे कि इस सड़क के केवल दस फुट हिस्से को पक्का किया गया है जोकि कम है, जिस कारण कई बार साइड देते समय गाड़ियां झोल खाने से हादसे की संभावना उत्पन्न हो जाती है। यही नहीं कंपनी द्वारा शरगांव गज्यों से पनेली तक के करीब डेढ किलोमीटर हिस्से को पक्का नहीं किया गया। इस हिस्से में इतने गहरे गडडे हैं कि छोटी गाड़ियों के चैंबर टूट जाते है। सबसे अहम बात यह है कि विभाग द्वारा इस सड़क को नौ टन गाड़ियों के भार को ध्यान में रखते हुए पक्का किया जा रहा है। इस सड़क पर 27 टन टिप्पर ट्राॅला बेलगाम चल रहे हैं, जिन पर विभाग का कोई निंयंत्रण नहीं है। कुछ दिनों में इस सड़क की हालत पहले की भांति दयनीय हो जाएगी। इनका कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों को मध्यनजर रखते हुए सड़क को पक्का करना चाहिए ताकि कम से कम पांच वर्ष तक सड़क ठीक रहे। नौ टन पास रोड़ पर 27 टन के टिप्पर ट्राॅला चलने से सड़क का टूटना स्वाभाविक है। बीते वर्षों में अनेको बार इस रोड़ को पक्का किया गया था, परंतु गुणवता के अभाव में एक साल में ही सड़क में गडडे पड़ जाते हैं। जिससे वाहन धारकों को गाड़ी चलाने में बहुत दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है।
बता दें कि यशवंतनगर -नेरीपुल-छैला मार्ग से हर वर्ष शिमला जिला के कोटखाई, जुब्बल, रोहड़ू क्षेत्र का सेब इस मार्ग के माध्यम से प्रदेश व देश की विभिन्न मण्डियों में पहूंचता है। सड़क की दयनीय स्थिति होने के कारण हर वर्ष सेब व टमाटर सीजन के दौरान काफी हादसे पेश आते हैं, जिसके चलते प्रशासन द्वारा धमून से लेकर नेरीपुल सड़क को एक्सीडेंटल जोन घोषित किया गया है। अधीशासी अभियंता लोनिवि मंडल राजगढ़ नरेन्द्र वर्मा ने बताया कि कई स्थानों पर बरसात के कारण टारिंग उखड़ गई है, जिसमें शीघ्र ही पैचवर्क करवाया जाएगा।