हिमाचल प्रदेश

अध्यात्मिक गुरु पर जानलेवा हमला करने की जांच स्टेट सी.आई.डी. को

Shantanu Roy
14 March 2023 9:18 AM GMT
अध्यात्मिक गुरु पर जानलेवा हमला करने की जांच स्टेट सी.आई.डी. को
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शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने कुल्लू जिले के गदौरी में 3 जून, 2018 को अध्यात्मिक गुरु पर जानलेवा हमला करने की जांच स्टेट सी.बी.आई. को सौंपने के आदेश दिए हैं। इस हमले में सिख अध्यात्मिक धर्मगुरु खेम सिंह घायल हो गए थे। सर्वहितकारी आध्यात्मिक केंद्र की याचिका का निपटारा करते हुए न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर ने मामले की जांच स्टेट सी.आई.डी. को सौंप दी। प्रार्थियों ने इस हमले की जांच सी.बी.आई. जैसी स्वतंत्र एजैंसी से करवाने की मांग की थी। आरोपों के अनुसार जब धर्मगुरु खेम सिंह कुल्लू के शमशी स्थित जालपा नाम के व्यक्ति के घर सत्संग करने के लिए जा रहे थे तो गदौरी के पास करीब 5 से 6 लोग डंडा, तलवारें और रॉड लेकर उतरे और उन पर पीछे से हमला कर दिया। खेम सिंह हमले के चलते बेसुध होकर जमीन पर गिर गए और उन्हें लगभग 35 चोटें आईं। हमले के बाद हमलाकत्र्ता आपस में यह बात करते हुए घटनास्थल से फरार हो गए कि बने कि खेम सिंह मर चुका है। पुलिस को घायल खेम सिंह ने यह भी बताया था कि इस दौरान गुंडे यह भी कह रहे थे कि बाबा बलजीत सिंह ने उसे खत्म करने को कहा है।
खेम सिंह ने यह भी कहा था कि बाबा बलजीत सिंह उस पर कई बार हमले करवा चुका है और ये हमला करने वाले लोग भी उसी के भेजे हुए हैं। पुलिस स्टेशन भुंतर ने मारपीट करने वाले 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की। प्रार्थियों ने पुलिस जांच पर आपत्ति दर्ज करते हुए इसकी जांच स्वतंत्र एजैंसी से करवाने की मांग की थी। पुलिस का कहना था कि उन्होंने इस मामले की गहनता से जांच की है और करीब 300 लोगों से पूछताछ की। घटना में इस्तेमाल की गई गाड़ी की नम्बर प्लेट फर्जी पाई गई। पूरी जांच करने के पश्चात मामले में संलिप्त लोगों का पता नहीं लगाया जा सका। इस कारण पुलिस की ओर से मामले को बंद करने के लिए अदालत के समक्ष अनट्रेस्ड रिपोर्ट दाखिल की गई। कोर्ट ने पाया कि दिन-दिहाड़े घटना को अंजाम दिया गया। स्थानीय निवासियों ने हमलावरों को देखा और घटना की पुष्टि की। कोर्ट ने घटना की परिस्थितियों को देखते हुए कहा कि इस मामले की आगामी जांच जरूरी है। इसलिए कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को आदेश दिए कि वह इस मामले की जांच स्टेट सी.आई.डी. को 21 मार्च तक सुपुर्द कर दें। कोर्ट ने स्टेट सी.आई.डी. को यह जांच 30 जून तक पूरी करने को भी कहा है।
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