हिमाचल प्रदेश

खंडहर चौकी को रैस्ट हाउस में किया गया तब्दील, जानिए पूरी खबर

Admin Delhi 1
13 Aug 2022 1:35 PM GMT
खंडहर चौकी को रैस्ट हाउस में किया गया तब्दील, जानिए पूरी खबर
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नाहन न्यूज़: बेशक ही 1621 में बसे नाहन शहर को पेयजल को लेकर वैकल्पिक योजनाएं उपलब्ध हो गई हैं, लेकिन मौजूदा समय में भी नहरस्वार ग्रेविटी योजना की अहमियत कम नहीं हुई है है। रोजाना ग्रेविटी तकनीक के माध्यम से 10 इंच की पाइप लाइन में शुद्ध पानी कोसों दूर से पहुंच जाता है। मगर विडंबना इस बात की है कि दशकों तक नाहन की प्यास बुझाने वाली नहरस्वार पंचायत की न्यायसंगत मांगें मानने को जल शक्ति विभाग तैयार नहीं है।

दरअसल, रियासतकाल में इस योजना की पहरेदारी के मकसद से एक चौकी का निर्माण भी हुआ था। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो इस चौकी में पुलिस व गृहरक्षक टुकड़ी पहरा देती थी, लेकिन मौजूदा में ये चौकी खंडहर बनती जा रही है। ग्रामीणों के मुताबिक आजादी से पहले से ये स्कीम नाहन के हजारों लोगों की प्यास बुझाती रही है, लेकिन विभाग ने सोर्स को मेंनटेन करने की आवश्यकता नहीं महसूस की। 1984 तक इस कारण भी पहरेदारी भी होती थी कि पीने के पानी में मिलावट न कर दी जाए। लेकिन इस समय सुरक्षा तो दूर की बात, स्थाई कर्मचारी तक नहीं है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि कुछ साल पहले तक पुरानी पाइपों को बदला, जिससे पैदल चलने वाले रास्तों को भी जर्जर कर दिया गया। खराब रास्ते में स्कूली बच्चों के गिरने की आशंका भी बनी रहती है। ये रास्ता स्कूली बच्चों का भी है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार विभाग से खस्ताहाल चौकी को विश्रामगृह में बदलने की भी मांग की गई, लेकिन विभाग प्रस्ताव बनाने को भी तैयार नहीं है। ग्रामीणों ने कहा कि मौजूदा समय में भी इस स्कीम की अहमियत को कम नहीं आंकना चाहिए। गत वर्ष भी ददाहू उठाऊ पेयजल योजना ध्वस्त हो गई थी, लेकिन ये उम्रदराज योजना आज भी अहमियत रखती है।

फिलहाल चौकी की खस्ता हालत व अन्य समस्याओं को लेकर जल शक्ति विभाग की प्रतिक्रिया उपलब्ध नहीं है, मिलने पर प्रकाशित की जाएगी।

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