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हिमाचल प्रदेश
पेड़ पर रस्सी बांध कर नलटड़ी खडड को लांघने को मजबूर बटोला के लोग
Gulabi Jagat
9 Aug 2022 2:06 PM GMT

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शिमला 09 अगस्त : यह कोई सर्कस का शो नहीं है, बल्कि वास्तविक जीवन में बटोला, नालटा के लोग सिर पर कफन बांधकर पेड़ के सहारे बरसात में नलटड़ी खडड को पार करने को मजबूर हैं। बार-बार आग्रह के लोगों की सुनवाई किसी भी स्तर पर नहीं हो रही है। बता दें कि मशोबरा ब्लाॅक की अंतिम पंचायत पीरन और ठियोग तहसील की सीमा पर बहने वाली नलटड़ी खडड बरसात के दिनों में उफान पर रहती है।
रस्सी बांधकर स्कूली बच्चें को खडड पार करवाते हुए
इस खडड में बाढ़ आने से विशेषकर पीरन पंचायत की अनुसूचित जाति बस्ती नाटला, बटोला, बागड़िया, नट इत्यादि के लोग सतोग पंचायत से कट जाते हैं । स्थानीय लोगों के अनुसार बीते दिनों बटोला गांव का आठवी कक्षा का छात्र राहुल नलटड़ी खडड में बाढ़ आने के कारण छः दिन सिरमौर के शणाई स्कूल नहीं जा सका। जिसे लोगों ने छः दिन बाद जलस्तर घटने पर रस्सी बांध कर खडड से पार करवाया गया। लोगों ने नलटड़ी खडड को लांघने के लिए समूचा एक पेड़ खडड में डाल रखा है और रस्सी बांधकर लोग इस खडड को लांघते हैं।
इसी प्रकार बटोला का रामसा नाम का व्यक्ति को खडड में बाढ़ आने कारण करीब 15 दिनों तक घराट में भूखे प्यासे रहने को मजबूर होना पड़ा। सिरमौर के शिलाबाग के लोगों ने रामसा को रोटियां लाकर खिलाई गई। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2006 में नलटड़ी खडड पर पैदल चलने योग्य पुल का निर्माण किया गया था जोकि भारी बरसात से खडड में बाढ़ आने पर क्षतिग्रस्त हो गया था। बीते वर्ष तक लोग क्षतिग्रस्त पुल के माध्यम से खड्ड को लांघते थे। खड्ड के तेज बहाव से कभी भी कोई हादसा घटित हो सकता है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार व जन प्रतिनिधि शायद किसी हादसे का ही इंतजार कर रही है।
दरअसल, यह पुल मशोबरा ब्लाॅक की दूरदराज पीरन व सतलाई पंचायत को ठियोग की सतोग पंचायत को जोड़ता है। इस क्षेत्र के लोगों की आपस में काफी रिश्तेदारियां है। इसके अतिरिक्त नालटा बटोला गांव के लोगों का चारागाह व घराट इत्यादि खडड पार कांवती में हैं। जिस कारण क्षेत्र के लोगों का आना जाना लगा रहता है। फुटब्रिज न होने के कारण लोगों को कई बार मजबूरी में वाया जघेड होते हुए करीब 15 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। जबकि सीमा पर लगते सिरमौर के जघेड़ तक जाने के लिए कोई भी सरकारी परिवहन व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है उनके द्वारा कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के विधायक व स्थानीय पंचायत से कई बार आग्रह किया जा चुका है परंतु किसी भी स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
दूसरी ओर प्रदेश किसान सभा के अध्यक्ष डाॅ. कुलदीप तंवर ने पुल न होने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आजादी के सात दशक बीत जाने पर कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र की यह स्थिति देखने को मिल रही है जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है । पीरन पंचायत की प्रधान किरण शर्मा ने बताया कि उनके द्वारा इस समस्या को डीसी शिमला और स्थानीय विधायक अनिरूद्ध सिंह के समक्ष बीते वर्ष उठाया गया था परंतु अभी तक नलटड़ी खडड पर फुटब्रिज बनाने बारे कोई कार्यवाही नहीं हुई है ।
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Gulabi Jagat
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