हिमाचल प्रदेश

हिमाचली टेलेंट का पलायन रोकने के लिए नीति बनाए नई सरकार, रोजगार संग छात्र हित में काम करे सरकार

Gulabi Jagat
3 Dec 2022 8:25 AM GMT
हिमाचली टेलेंट का पलायन रोकने के लिए नीति बनाए नई सरकार, रोजगार संग छात्र हित में काम करे सरकार
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हमीरपुर
प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों का काउंटडाउन शुरू हो गया है। राज्य में सत्तासीन होने वाली सरकार से हर वर्ग को कुछ न कुछ उम्मीदें हैं। इन्हीं में एक है युवा वर्ग। 14 लाख बेरोजगारों वाले प्रदेश में युवाओं की सबसे बड़ी समस्या रोजगार सृजन है। इसके अलावा युवा चाहते हैं कि जो भी सरकार बने, वह छात्रहित में काम करे। प्रदेश के प्रतिभाशाली जो युवा यहां नौकरी के अभाव में बाहरी राज्यों का रुख करते हैं, उस पलायन को रोकने के लिए सरकार पॉलिसी बनाए, ताकि यहां के टेलेंट का सदुपयोग प्रदेश के लिए किया जा सके। यही नहीं, युवा नशे के बढ़ते चलन को लेकर भी चिंतित हैं। क्योंकि न केवल कॉलेज, यूनिवर्सिटी में पढऩे वाले युवा इस भटकीली राह की ओर जा रहे हैं, बल्कि स्कूलों में पढऩे वाले किशोर भी अब इसकी गिरफ्त में आने लगे हैं। ऐसे युवाओं पर चेक रखने की सबसे पहली जिम्मेदारी उनके माता-पिता की है।
युवा चाहते हैं कि जो भी सरकार आए, वे एंटरप्रिन्योरशिप और स्टार्टअप के लिए नए-नए प्लान बनाए, ताकि प्रदेश के बेरोजगार युवा स्वयं रोजगार सृजित कर सकें। युवा आउटसोर्स पोलिसी का पुरजोर विरोध करते हुए इसे बंद करवाना चाहते हैं, क्योंकि इसमें एक ऐसा मिडलमैन बिना कुछ किए पैसे कमा रहा है जिसका कोई भी योगदान नहीं होता। 'दिव्य हिमाचल टीवी' के 'जनादेश' में साथ खास बातचीत में युवाओं ने कहा है कि चाहे कोई भी सरकार आए, वह इस बात का ध्यान रखे कि जो भी घोषणाएं उसने अपने मैनिफेस्टो में की हैं उसे पूर्णतय: लागू किया जाए। (एचडीएम)
रोजगार चाहिए
हमीरपुर से एमबीबीएस छात्रा दिशा कहती हैं कि कोरोना के कारण लगभग दो साल टीचर और स्टूडेंट्स में सीधे इंटरेक्शन नहीं हो पाई। ऐसे मे जो गैप बना है, उसे पूरा करने के लिए क्वालिटी एजुकेशन पर ध्यान देना होगा। जॉब लोकल और प्रदेश स्तर पर मिले, इसके प्रयास करने होंगे क्योंकि जो भी बाहर जाता है, उसका आधा वेतन तो अन्य खर्चों में ही निकल जाता है। हर किसी को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती, इसलिए अन्य क्षेत्रों में रोजगार के अवसर मिलने चाहिएं। अफोरटेबल हेल्थ केयर सिस्टम हो और भेदभाव रहती वातावरण मिलना चाहिए।
पलायन रोकना होगा
चंबा के नितिन कहते हैं कि उनके जिले के तो ऐसे हाल हैं कि यहां के अधिकतर युवा शिक्षा ग्रहण करने के लिए धर्मशाला, शिमला, हमीरपुर व चंडीगढ़ इत्यादि जिलों में जाने को मजबूर हैं। इसी तरह रोजगार के लिए उन्हें दूसरे जिलों या राज्यों का रुख करना पड़ता है। बीबीएन की तर्ज पर यदि यहां उद्योग स्थापित किए जाएं, तो युवाओं का लगातार हो रहा पलायन रुक जाएगा। आउटसोर्स पोलिसी को बंद किया जाना चाहिए। युवाओं को ऐसे कोर्स करवाए जाने चाहिएं जिसमें उनके लिए रोजगार के रास्ते खुलते हों। वे कहते हैं कि नशे की रोकथाम के लिए जमीनी स्तर पर प्रयास आने वाली सरकार करे।
छात्रों के बारे में सोचें
कुल्लू की देचीन प्रदेश सरकार से छात्र हित में काम करने की अपील करती हैं। देचीन के अनुसार प्रदेश के कई कालेजों के कैंपस या तो है नहीं या फिर ठीक नहीं हैं। यहां तक की सीयू का अभी तक अपना कैंपस नहीं है। इसलिए सरकार को चाहिए कि छात्रों को हर तरह की सुविधा मुहैया करवाए। खासकर छात्र संघ चुनाव, जिनके माध्यम से वे अपनी डिमांड और आवाज बुलंद कर पाते हैं, उन्हें बहाल किया जाना चाहिए। इसके अलावा महिला सशक्तिकरण पर काम करने की जरूरत है। रोजगार के लिए सरकार एंटरप्रिन्योरशिप व स्टार्टअप के लिए नए-नए प्लान बनाए।
वादों को पूरा करें
सोलन से संबंध रखने वाले युवा उमेश शर्मा के अनुसार प्रदेश में इससे पहले जो भी सरकारें बनीं, उन्होंने युवाओं के रोजगार के अलावा अन्य कई वादे किए, लेकिन वे धरातल पर लागू नहीं हो पाए। इस बार भी प्रदेश की दोनों की पार्टियों ने युवाओं को रोजगार देने, स्वरोजगार शुरू करने, छात्रवृत्ति और यहां तक की छात्राओं को साइकिल और स्कूटी तक देने की बात कही है। जो भी सरकार बनती है, उसे चाहिए कि इस बार युवाओं को न ठगा जाए और वादों को पूरा किया जाए। नशे के बढ़ते चलन को खत्म करने के लिए सरकार तस्करों पर नजर रखे और अभिभावकों को भी चाहिए कि वे अपने बच्चों की एक्टिविटी पर नजर रखें।
Gulabi Jagat

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