हिमाचल प्रदेश

नकली दवा मामले के मुख्य आरोपी को कोर्ट ने तीन दिन के रिमांड पर भेजा

Gulabi Jagat
2 Dec 2022 1:30 PM GMT
नकली दवा मामले के मुख्य आरोपी को कोर्ट ने तीन दिन के रिमांड पर भेजा
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बीबीएन: नकली दवा मामले के मुख्य आरोपी को कोर्ट ने तीन दिन के रिमांड पर भेज दिया है, जबकि दो अन्य आरोपियों को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। बताते चलें कि नकली दवा गिरोह के सरगना मोहित बसंल सहित दो अन्य आरोपियों को राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण की टीम ने गुरुवार को नालागढ़ कोर्ट में पेश किया, जहां मुख्य आरोपी मोहित बंसल निवासी आगरा को कोर्ट ने तीन दिन के रिमांड पर व दो अन्य आरोपियों विजय और अतुल को नौ दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस मामले में अभी तक प्राधिकरण अब तक चार आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचा चुका है, जबकि इस गिरोह के कुछ और सदस्यों की धरपकड़ के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। प्राधिकरण व पुलिस की टीम रिमांड के दौरान मुख्य आरोपी से नकली दवा कारोबार के इस नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों, कच्चे माल के स्पलायर व नकली दवाएं खरीदने वाले मेडिकल स्टोर संचालकों के बारे में पूछताछ करेगी। प्राधिकरण को अगले कुछ दिनों में बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। सनद रहे कि अभी तक इस मामले में सवा करोड़ से ज़्यादा क़ीमत की नक़ली दवाए बरामद की जा चुकी हैं, जबकि चार आरोपियों को सलाख़ों के पीछे पहुंचाया जा चुका है।
नकली दवा मामले की जांच में बद्दी में एक फैक्टरी, दो गोदाम, आगरा में मेडिकल स्टोर व बद्दी में एक घर से भारी तादाद में नामी कंपनियों के नाम से निर्मित नक़ली दवाएं, दवा निर्माण में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल बरामद किया जा चुका है। काबिलेजिक्र है कि गत 22 नबंवर को औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने नकली दवा के कारोबार का भंडाफोड़ करते हुए नामी सिप्ला, यूएसवी सहित अन्य आठ नामी कंपनियों के नाम से निर्मित नकली दवाओं की बडी खेप बरामद की थी। उस दौरान हत्थे चढ़े आरोपियों ने पूछताछ में सिक्का होटल बद्दी के पास गोदाम और हनुमान चौक के पास फैक्टरी के बारे में खुलासा किया, जिसके आधार पर दोनों जगह छापेमारी की गई और करोड़ों की कीमत की नकली दवाएं, कच्चा माल सहित मशीनरी बरामद हुई। राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण व पुलिस की टीमें नकली दवा गिरोह को कच्चा माल सप्लाई करने वाले स्पलायर की तलाश कर रही है, इस संर्दभ में आरोपियों से पुछताछ में मिली जानकारी के आधार पर संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। वहीं जिन नामी दवा कंपनियों के ब्रांड की नकली दवाएं इस गिरोह के हवाले से पकड़ी गई है उन कंपनियों से भी जरूरी जानकारी के लिए प्राधिकरण ने पत्र लिखकर जबाब तलब किया है।
जल्द होंगी और गिरफ्तारियां
राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि मुख्य आरोपी सहित दो अन्य आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से मुख्य आरोपी को तीन दिन का अतिरिक्त रिमांड मिला है, जबकि दो आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि मामले की गहनता से पड़ताल चल रही है जल्द और भी खुलासे होंगे।
प्रधान सचिव शिक्षा को कोर्ट नोटिस
शिमला। सोलन जिला के ममलीग में गवर्नमेंट डिग्री कालेज खोलने की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर उच्च न्यायालय ने प्रधान सचिव शिक्षा व अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है। मुख्य न्यायाधीश अमजद ए सैयद व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने केडी शर्मा व अन्यों द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात उपरोक्त आदेश पारित किए। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार पहले राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के मुताबिक गांव सायरी में डिग्री कालेज खोला जाना था, मगर किसी कारण वश वहां पर डिग्री कालेज खोलने का कार्य टाल दिया गया। चार अगस्त, 2018 को जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक पवाबो जिला शिमला में डिग्री कालेज खोलने के निर्णय को भी टाल दिया गया, जिसे याचिका के माध्यम से हाई कोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई। प्रार्थियों की ओर से न्यायालय के समक्ष दलील दी गई है कि ममलीग में किसी भी तरीके से डिग्री खोला जाना न्यायोचित नहीं होगा, जबकि सायरी से गवर्नमेंट डिग्री कालेज की दूरी 40 किलोमीटर से अधिक है इस कारण हर ढंग से सायरी में गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज का खोला जाना जनहित के दृष्टिगत से अनिवार्य होगा। प्रार्थियों ने राज्य सरकार द्वारा 30 सितंबर 2022 को जारी अधिसूचना को रद्द करने की न्यायालय से गुहार लगाई है।
राज्य सरकार को 25 हजार रुपए की कॉस्ट
विधि संवाददाता-शिमला
संशोधित लीव-एनकैशमेंट अदा न करने से जुड़े मामले में प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार पर 25000 रुपए की कॉस्ट लगाई है। मुख्य न्यायाधीश अमजद ए सैयद व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए कि वह छुट्टियों का बकाया संशोधित वेतन प्रार्थी अमिता गुप्ता को चार सप्ताह के भीतर अदा करें। अन्यथा राज्य सरकार को बकाया लीव-एनकैशमेंट की राशि पर पांच फीसदी ब्याज के साथ अदा करनी होगी। प्रार्थी 30 सितंबर, 2020 को सीनियर आर्किटेक्ट के पद से सेवानिवृत्त हो गई थी।
प्रार्थी को हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग द्वारा 15 दिसंबर, 2020 को जारी अधिसूचना के मुताबिक वेतनमान में संशोधन के चलते पहली जनवरी 2013 से काल्पनिक और 14 नवंबर, 2014 से वास्तविक लाभ दे दिया गया था। प्रार्थी के वेतनमान के संशोधन के कारण प्रार्थी के संशोधित 300 दिनों की छुट्टियों के वेतन के लिए जब स्वीकृति मांगी गई, तो राज्य कोषागार की आपत्ति के चलते संशोधित लीव-एनकैशमेंट देने के लिए मना कर दिया। प्रदेश उच्च न्यायालय ने प्रदेश महाधिवक्ता को आदेश जारी किए कि वह इस निर्णय को राज्य वित्त विभाग के ध्यान में लाएं और संबंधित विभागों को भेजें।
भाई के हत्यारे को उम्रकैद
हमीरपुर। छोटे भाई की निर्मम हत्या करने वाले को माननीय न्यायालय ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। उम्र कैद के साथ ही इसे एक लाख दस हजार रुपए जुर्माना भी अदा करना होगा। जुर्माना अदा न करने पर डेढ़ साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। दो अलग-अलग धाराओं में दोषी करार दिए जाने पर सजा सुनाई गई है। आईपीसी की धारा 302 के तहत दोषी करार देते हुए व्यक्ति को उम्र कैद तथा एक लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई।
भाजपा नेता समेत चार की जमानत याचिका रद्द
बीबीएन। बद्दी तहसील के तहत गुल्लरवाला गांव में एक विधवा औरत की जमीन को धोखाधड़ी कर कथित तौर पर हड़पने के मामले में नामजद भाजपा नेता सहित चारों आरोपियों की जमानत याचिका को कोर्ट ने रद्द कर दिया है। बता दें कि जालसाज़ी के मामले में नालागढ़ की अदालत में चारों आरोपियों ने जमानत याचिका दायर की थी, जिसकी गुरुवार को सुनवाई हुई। इसके बाद अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया। गौरतलब है कि इन चारों पर आरोप है कि गुल्लरवाला गांव में एक बीघा दो बिस्वा जमीन चार लोगों ने धोखे से अपने नाम करवा ली थी। इसी कड़ी में विगत 27 नबंवर को कोर्ट आदेशों पर बद्दी पुलिस थाना में जालसाजी का केस दर्ज हुआ था। पीडि़त महिला कमलेश पत्नी अवतार सिंह निवासी गांव गुल्लरवाला, डा. कडूवाना, तहसील बद्दी ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि इसके पति की दिनांक 14 मार्च को पीजीआई चंडीगढ में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी। पीडि़ता ने शिकायत में कहा है आरोपियों ने इसके पति को ज्यादा शराब पीने व नशे का आदी बना दिया था। महिला ने आरोप जड़ा कि इसके पति के ऐसे हालात का फायदा उठाते हुए आरोपियों ने उससे मुख्तयारनामा आम (जीपीए) बनवा लिया था, जिसकी उसे अपने जीवन तक कोई जानकारी नहीं थी।
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