हिमाचल प्रदेश

कार्प का सबसे बड़ा ट्रेनिंग सेंटर बनेगा गगरेट में, केंद्र ने दी मंजूरी

Admin Delhi 1
6 Jun 2022 7:33 AM GMT
कार्प का सबसे बड़ा ट्रेनिंग सेंटर बनेगा गगरेट में, केंद्र ने दी मंजूरी
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शिमला: ऊना जिला के गगरेट में मत्स्य विभाग का सबसे बड़ा ट्रेनिंग सेटर बनेगा। इस बाबत केंद्र की मंजूरी मिल चुकी है और बाकायदा 5.19 करोड़ रुपए के बजट को भी स्वीकृति मिल चुकी है। इस प्रोजेक्ट के लिए नाबार्ड से फंडिंग होगी। इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन को लेकर टेंडर प्रोसेस शुरू हो गया है। ट्रेनिंग सेंटर बन जाने के बाद प्रदेश भर के मत्स्य अधिकारी व कर्मचारियों के साथ-साथ मत्स्यपालकों को कार्प प्रजाति की मछली को प्रोमोट करने, प्रोडक्शन बढ़ाने सहित अन्य तकनीकी प्रकार की ट्रेनिंग दी जाएगी। जानकारी के मुताबिक अभी तक मत्स्य विभाग के पास कोई भी बड़ा ट्रेनिंग सेंटर नहीं है। बिलासपुर जिला के घागस स्थित फार्म के एक हाल में कार्प का ट्रेनिंग सेंटर है, लेकिन यह काफी छोटा है, जिसकी वजह से ट्रेनिंग के लिए ज्यादा कर्मियों को एक साथ नहीं बुलाया जा सकता। ट्रेनिंग सेंटर में कार्प प्रजाति की मछली को प्रोमोट करने के साथ ही प्रोडक्शन बढ़ाने सहित अन्य तकनीकी योजनाओं को लेकर समय समय पर ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं, लेकिन अब प्रदेश में कार्प का पहला ट्रेनिंग सेंटर गगरेट में प्रस्तावित किया गया है।

मत्स्यपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर के प्रयासों से नसीब हुए इस इस ट्रेनिंग सेंटर को स्थापित करने को लेकर आगामी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बता दें कि गगरेट फार्म लगभग 10 हेक्टेयर एरिया में फैला हुआ है। काफी स्पेस होने की वजह से ही इस ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण वहां पर करवाने का निर्णय लिया गया है। इस ट्रेनिंग सेंटर में मत्स्य विभाग से जुड़ी हरेक प्रकार की ट्रेनिंग आयोजित की जाएगी। ट्रेनिंग सेंटर पर सवा पांच करोड़ रुपए की लागत आएगी और तीन मंजिला भवन एवं अन्य आधारभूत ढांचा विकसित किया जाएगा। इससे विभाग के पास टे्रनिंग सहित अन्य बड़े आयोजनों के लिए एक प्रॉपर व्यवस्था हो जाएगी। यहां बता दें कि प्रदेश में ट्राउट का ट्रेनिंग सेंटर पतलीकूहल में है लेकिन वहां पर ट्राउट का देश का पहला एक बड़ा डैमो यूनिट (रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम) बनना प्रस्तावित है, जिसके लिए 1.28 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत हो चुका है। वहीं विभाग ठंडे क्षेत्रों में पलने वाली ट्राउट की प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए येाजनावद्ध ढंग से काम रहा है जिसके तहत आईडोबा स्टेज का 8 लाख ट्राउट बीज डेनमार्क से आयात करने के लिए केंद्र की मंजूरी मिल चुकी है।

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