हिमाचल प्रदेश

सेब के दाम तय करने के खिलाफ बागबानों का हल्ला बोल, बागबानों से लूट बर्दाश्त नहीं, घेरी अदानी कंपनी

Renuka Sahu
27 Aug 2022 3:14 AM GMT
The horticulturists speak out against fixing the price of apples, the loot from the gardeners is not tolerated, surrounded by Adani Company
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फाइल फोटो 

आम आदमी पार्टी किसान विंग के अध्यक्ष अनिंदर सिंह नौटी के नेतृत्व में सैकड़ों आप कार्यकर्ताओं और बागबानों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आम आदमी पार्टी किसान विंग के अध्यक्ष अनिंदर सिंह नौटी के नेतृत्व में सैकड़ों आप कार्यकर्ताओं और बागबानों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। आंदोलन कर रहे बागबानों ने अदानी कंपनी की लूट के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सेब के दाम कम तय कर बागबानों से लूट करने वाली कंपनी अदानी के खिलाफ बागबानों ने आंदोलन छेड़ दिया है। शिमला के बिथल में बने अदानी के कोल्ड स्टोरेज के सामने अनिंदर सिंह नौटी ने कहा कि सेब खरीद के दाम कम तय कर अदानी कंपनी बागबानों को लूटने का प्रयास कर रही है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विरोध प्रदर्शन में प्रमुख रूप से ठियोग, रोहडू और रामपुर के बागबानों ने भाग लिया। आप कार्यकर्ताओं और बागबानों ने अदानी कंपनी की लूट के खिलाफ नारेबाजी की और सरकार से मांग की है कि बाजार रेट के अनुसार ही सेब के दाम तय करें।

अनिंदर सिंह नौटी ने कहा कि सरकार अदानी को फायदा देने के लिए मूकदर्शक बनी है। किसान विरोधी जयराम सरकार को किसानों, बागबानों की कोई चिंता नहीं है। किसान-बागबान तीन महीने से हक के लिए आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार नहीं सुन रही है। श्री नौटी ने कहा कि सेब पैकेजिंग के बारदाने पर जीएसटी लगने और महंगाई बढऩे के कारण सेब के उत्पादन की लागत बढ़ गई है। इसके बाद भी सेब खरीद करने वाली अदानी कंपनी ने मनमाने ढंग से सेब के दाम कम तय किए हैं। अदानी ने पिछले साल सेब के दाम 85 रुपए प्रति किलो तय किए थे, लेकिन इस साल 76 रुपए प्रति किलो दाम तय किए हैं। अदानी के दाम तय करने के मामले में सरकार भी मूकदर्शक बनी है। आम आदमी पार्टी किसानों को न्याय और हक दिलाने के लिए लगातार उनके संघर्ष में साथ खड़ी है। बागबानों के सेब के सही दाम न मिलने यह तक आंदोलन जारी रहेगा।
अभी तक सरकारी कमेटी की बैठक नहीं
सेब के दाम तय करने के लिए सरकारी कमेटी की अभी तक पहली मीटिंग भी नहीं हो पाई और अदानी ने मनमाने ढंग से सेब खरीद के दाम तय कर दिए हैं। इस रेट पर सेब बेचने पर बागबानों को भारी नुकसान होगा। अदानी की इस लूट को बागबान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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