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हिमाचल प्रदेश
हाईकोर्ट ने नाभा - समरहिल वार्डो के पुनर्सीमांकन के खिलाफ दायर याचिकाओं का निपटारा करते हुए इन वार्डों के पुनर्सीमांकन संबंधी आदेशों को किया खारिज
Ritisha Jaiswal
3 Jun 2022 1:25 PM GMT
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नगर निगम शिमला के लिए वार्डबंदी में बदलाव करने के मामले पर प्रशासन को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने गलत ठहराया है।
नगर निगम शिमला के लिए वार्डबंदी में बदलाव करने के मामले पर प्रशासन को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने गलत ठहराया है। अदालत ने कहा कि जिलाधीश और वित्तायुक्त ने प्रार्थियों की ओर से उठाई गई आपत्तियों पर सही तरीके से निर्णय नहीं दिया। इसके चलते प्रशासन के इस आदेश को रद्द किया जाता है और नए सिरे से प्रार्थी को सुनकर उनकी आपत्तियों पर पुनर्विचार करने के आदेश जारी किए गए हैं। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने नगर निगम शिमला के तहत पड़ने वाले नाभा और समरहिल वार्डो के पुनर्सीमांकन के खिलाफ दायर याचिकाओं का निपटारा करते हुए इन वार्डों के पुनर्सीमांकन संबंधी आदेशों को खारिज कर दिया है।
कोर्ट ने समरहिल वार्ड के आरक्षण संबंधी रोस्टर को जायज ठहराते हुए इसके खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने जिलाधीश शिमला को आदेश दिए कि वह फिर से याचिकाकर्ताओं की ओर से उठाए गए मुद्दों पर दोबारा विचार करें। तथ्यों पर आधारित फैसला लें ताकि कानून के तहत पुनर्सीमांकन किया जा सके
याचिकाओं के अनुसार उनके द्वारा उठाए गए विवादों को रद्द करते हुए जिलाधीश शिमला ने नाभा वार्ड के कुछ क्षेत्र फागली और टूटीकंडी में मिलाने और समरहिल वार्ड के क्षेत्र में आने वाले बालूगंज बाजार को बालूगंज वार्ड में न डालने का फैसला सुनाया था। मामलों पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने पाया कि जिलाधीश शिमला ने तथ्यों की गहराई में न जाकर याचिकाकर्ताओं के विवादों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने इन वार्डों के पुनर्सीमांकन को रद्द करते हुए जिलाधीश शिमला को फिर से तथ्यों के दृष्टिगत विस्तृत आदेश पारित करने के आदेश दिए। वर्तमान नगर निगम शिमला का कार्यकाल 18 जून को पूरा होने जा रहा है। इससे पूर्व चुनाव होने चाहिए थे। चुनाव नहीं होने की स्थिति में यहां प्रशासक की तैनाती हो सकती है।
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