हिमाचल प्रदेश

जयराम सरकार के महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट मंडी के लिए भू-अर्जन की प्रक्रिया का पहला चरण शुरू

Renuka Sahu
5 Oct 2022 4:07 AM GMT
The first phase of the land acquisition process for Jairam Sarkars ambitious project Green Field Airport Mandi has started.
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न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com

जयराम सरकार के महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट मंडी के लिए भू-अर्जन की प्रक्रिया का पहला चरण शुरू हो गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जयराम सरकार के महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट मंडी के लिए भू-अर्जन की प्रक्रिया का पहला चरण शुरू हो गया है। राज्य के पर्यटन सचिव देवेश कुमार ने सोशल इंपेक्ट असेस्मेंट नोटिफिकेशन जारी कर दी है। इस अधिसूचना के जरिए अगले छह महीने के भीतर लैंड एक्विजिशन से प्रभावित होने वाले लोगों के बारे में स्टडी होगी। इसके बाद दूसरे चरण में लैंड एक्विजिशन की प्रक्रिया शुरू होगी। सोशल इंपेक्ट असेस्मेंट नोटिफिकेशन के अनुसार मंडी एयरपोर्ट के लिए 2888 बीघा जमीन अर्जित की जानी है। यह ग्रीन फील्ड अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होगा, जो चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग के बिल्कुल मध्य में स्थित होगा। यहां से सडक़ यात्रा द्वारा दो घंटे में मनाली और लाहुल-स्पीति के जनजातीय क्षेत्रों तक पहुंच सकते हैं। यह एयरपोर्ट राज्य के सर्वोच्च हितों की पूर्ति करेगा। लेह के समीप होने के कारण वायु सेना की रक्षा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी यह एयरपोर्ट काम आएगा। यहां बड़े विमानों की लैंडिंग से पर्यटकों का समय बचेगा और राज्य में पर्यटक भी बढ़ेंगे।

नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सोशल इंपेक्ट असेस्मेंट को छह महीने के भीतर पूरा कर लिया जाएगा और इस अवधि में सार्वजनिक सुनवाई भी होगी। इस प्रक्रिया में स्थानीय ग्राम पंचायत और ग्राम सभाओं के प्रतिनिधियों को भी साथ में जोड़ा जाएगा। जो लोग मंडी एयरपोर्ट का विरोध कर रहे हैं, उन्हें भी अपनी बात रखने का पूरा अवसर दिया जाएगा। एयरपोर्ट के बनने से होने वाले इंपेक्ट की स्टडी होगी और यदि किसी का लाइवलीहुड प्रभावित हो रहा होगा, तो उसे कंपनसेट किया जाएगा। इस प्रक्रिया को हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान हिपा पूरा करेगा। फिलहाल सोशल इंपेक्ट असेस्मेंट कमेटी में डायरेक्टर हिपा अध्यक्ष बनाए गए हैं, जबकि संयुक्त सचिव राजस्व, प्रभारी राज्य ग्रामीण विकास संस्थान हिपा, विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र एवं सामाजिक कार्य विभाग एचपीयू और मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग शिमला सदस्य के रूप में जोड़े गए हैं। पर्यटन सचिव देवेश कुमार ने बताया कि इस प्रक्रिया को छह महीने के भीतर यह कमेटी पूरा करेगी, ताकि उसके बाद लैंड एक्विजिशन की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
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