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हिमाचल प्रदेश
वित्त विभाग ने जारी की चेतावनी, इतने फीसदी बढ़ गया कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक का एनपीए
Gulabi Jagat
12 July 2022 7:25 AM GMT
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हिमाचल प्रदेश के पांच जिलों में कार्य कर रहे कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक का नॉन परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) छह फीसदी बढ़ गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में बैंक का एनपीए 23.74 फीसदी था। वित्तीय वर्ष 2021-22 में यह 29.17 फीसदी पहुंच गया है। राज्य वित्त विभाग ने बढ़ते एनपीए पर चिंता जताते हुए बैंक को चेतावनी जारी की है। कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिले में कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक की शाखाएं हैं। सोलन जिले में जोगिंद्रा केंद्रीय सहकारी बैंक है। शेष छह जिलों में शिमला, सिरमौर, बिलासपुर, किन्नौर, मंडी और चंबा में राज्य सहकारी बैंक की शाखाएं हैं।
राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 31 मार्च 2022 तक प्रदेश के सहकारी बैंकों का एनपीए 17.03 फीसदी रहा। राज्य सहकारी बैंक का एनपीए सबसे कम 8.68 फीसदी है। राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक का एनपीए सबसे अधिक 32.28 फीसदी रहा है। बघाट अर्बन सहकारी बैंक का एनपीए 28.80 फीसदी रहा है। उधर, वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान प्रदेश में स्थित सभी बैंकों का एनपीए 8.48 फीसदी रहा है।
तीन माह में 2.45 फीसदी घटा एनपीए
शिमला। कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक का एनपीए दिसंबर 2021 के मुकाबले मार्च 2022 में जारी आंकड़ों में 2.45 फीसदी कम हुआ है। दिसंबर 2021 में बैंक का एनपीए 31.62 फीसदी रहा। मार्च 2022 के आंकड़ों में यह घटकर 29.17 फीसदी पहुंच गया है। बैंक प्रबंधन की ओर से एनपीए कम करने के लिए उठाए गए कदमों से यह संभव हुआ है। इसके बावजूद एनपीए की मात्रा अभी भी बहुत अधिक है।
Gulabi Jagat
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