हिमाचल प्रदेश

विभाग ने तैयार किया मैप, जंगल में चिंगारी सुलगते ही तुरंत मौके पर पहुंचेगी टीम

Gulabi Jagat
31 May 2023 2:25 PM GMT
विभाग ने तैयार किया मैप, जंगल में चिंगारी सुलगते ही तुरंत मौके पर पहुंचेगी टीम
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शिमला: वन विभाग ने संवेदनशील वनों के मैप तैयार किए हैं। जंगल में आग लगने की आशंका वाले संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर उन जगहों से जोड़ा गया है, जहां से आग पर काबू पाया जा सके। इसके अलावा वन विभाग के अफसरों ने विभाग के फील्ड अधिकारियों और पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ वर्चुअल माध्यम से कई बैठकें भी कर रहे हैं। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर जागरूकता पैदा करना महत्त्वपूर्ण है।
स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों की भागीदारी इस दिशा में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की वन संपदा राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 68.16 प्रतिशत है। प्रदेश के वन जैव विविधता से समृद्ध है और नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस बहुमूल्य प्राकृतिक संपदा का वैज्ञानिक प्रबंधन और संरक्षण करना सभी का दायित्व है। जंगल की आग पर्यावरण संतुलन के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करती है, अनेक परिवार भोजन, ईंधन और चारे के लिए वन संपदा पर निर्भर होते हैं। हिमाचल प्रदेश में आग की घटनाएं अधिकारियों और नागरिकों के लिए चिंता का एक प्रमुख कारण रही है, खासकर जब वन राज्य के पर्यावरण, पारिस्थितिक और आर्थिक कल्याण को महत्वपूर्ण हैं।
जंगलों को आग से बचाने के लिए विभाजन अनिवार्य
बदले हुए मौसम की स्थिति के दृष्टिगत गर्मियां बहुत कठोर नहीं थीं, फिर भी महत्त्वपूर्ण वन अग्नि प्रबंधन तत्त्वों जैसे रणनीतिक अग्निशमन केंद्रों, विभिन्न विभागों के बीच समन्वय, वित्त पोषण, मानव संसाधन विकास, अग्नि अनुसंधान, अग्नि प्रबंधन और विस्तार कार्यक्रमों पर विशेष बल दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनों में आग को नियंत्रित करने के लिए संवेदनशील जगहों को विभाजित करना अनिवार्य है।
धुआं उठते ही काबू पाएगी रैपिड फायर एक्शन टीम
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग ने जंगल की आग पर काबू पाने के लिए रैपिड फायर एक्शन टीम का भी गठन किया है। आग लगने की स्थिति में टीम वन विभाग को व्हाट्सऐप के माध्यम से आग लगने की सूचना देगी। स्थानीय लोगों को जंगल की आग के दुष्प्रभाव और किसी भी आग की घटना की स्थिति में उनकी भूमिका के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
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