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हिमाचल प्रदेश
दोनो सीमेंट फैक्ट्रियां बंद होने से मचा घमासान, सरकार ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब
Admin4
17 Dec 2022 10:12 AM GMT

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सोलन। हिमाचल प्रदेश में एसीसी व अम्बुजा सीमेंट फैक्ट्रियां बंद होने के बाद के घमासान में राज्य कांग्रेस सरकार भी कूद गई है। राज्य उद्योग विभाग ने अंबुजा और ACC सीमेंट कंपनी को फैक्ट्री बंद करने के मामले में नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। नोटिस में स्पष्ट कहा है कि सरकार को बिना सूचित किए और हजारों लोगों के रोजगार से जुड़े मामले को ध्यान में रखकर कंपनियां कैसे अपने संस्थानों को बंद कर सकती है। सरकार इस मुद्दे को 22 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले सुलझाना चाहती है।
विवाद को सुलझाने के लिए मुख्य सचिव आरडी धीमान की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों के मुखियों की मीटिंग हुई, जो करीब 1 घंटे तक चली। बैठक में उद्योग विभाग के निदेशक, राज्य आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक, परिवहन विभाग के निदेशक सहित कई आला अधिकारी मौजूद रहे। इसमें सभी संबंधित अधिकारियों को सीमेंट कंपनियों और ट्रक यूनियनों के साथ मिलकर इस विवाद को सुलझाने को कहा गया।
मामले को सुलझाने के लिए डीसी सोलन कृतिका कुलहरी ने शनिवार को सोलन में बैठक बुलाई है। बैठक में प्रशासन के अधिकारियों के साथ ट्रक ऑपरेटर्स सोसाइटी के पदाधिकारी व अंबुजा सीमेंट कंपनी के अधिकारी मौजूद रहेंगे। गुरुवार को भी इस मामले को लेकर डीसी ऑफिस सोलन में एक बैठक हुई थी, लेकिन इस बैठक में ट्रक ऑपरेटरों में भाग नहीं लिया था, जिससे मामले का कोई हल नहीं निकल पाया।
बता दें कि शनिवार को एसीसी का बरमाणा व अम्बुजा के दालड़ाघाट प्लांट्स बंद होने का तीसरा दिन है और अभी प्लांट के खुलने के आसार नहीं दिख रहे। इससे ट्रक ऑपरेटर और खफा हो गए। वहीं माहौल तनावपूर्ण देखते हुए प्रशासन की ओर से प्लांट परिसर में पुलिस कर्मी तैनात किए गए, लेकिन शुक्रवार को प्लांट परिसर में काफी सन्नाटा नजर आया।
बता दें कि माल भाड़े को लेकर कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स के बीच लम्बे अरसे से विवाद चल रहा है। कई बैठकों के बाद भी विवाद न सुलझने पर कंपनी प्रबंधन ने बीते बुधवार शाम से प्लांट बंद कर दिया। अंबुजा सीमेंट प्लांट को हाल ही में अडानी ग्रुप ने खरीदा है।
कंपनी ने सीमेंट, क्लिंकर व कच्चे माल की ढुलाई में लगी ट्रक ऑपरेटर्स सोसाइटियों से रेट कम करने को कहा था। कंपनी ने पत्र के माध्यम से कहा कि वे मौजूदा रेट पर माल ढुलाई करने का तैयार नहीं हैं, क्योंकि इसके कारण सीमेंट की उत्पादन लागत बढ़ रही है। इससे कंपनी को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
कंपनी ने कहा कि यही स्थिति रही तो सीमेंट उत्पादन को ही बंद करना पड़ेगा। कंपनी का कहना है कि सरकार ने 18 अक्तूबर 2005 को मालभाड़ा 6 रुपए प्रति टन प्रति किलोमीटर निर्धारित किया था। इसलिए सोसायटियों को इस रेट पर माल ढुलाई करनी होगी।
वहीं ट्रक सोसायटियों का कहना था कि वर्ष 2019 से माल भाड़ा बढ़ना देय है। सरकार ने जब माल भाड़े का रेट तय किया था कि तब कहा गया था कि डीजल के रेट बढ़ेंगे, उसी अनुपात में माल भाड़ा भी बढ़ेगा। बाघल लैंड लुजर्ज ट्रक आपरेटर सोसायटी के पूर्व प्रधान रामकृष्ण शर्मा ने कहा कि आज ट्रक ऑपरेटरों की बैठक में निर्णय लिया जाएगा कि आगे क्या करना है।

Admin4
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