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मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना में प्रदेश भर में चरणवद्ध तरीके से चलेगी मुहिम
बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में फोरलेन, नेशनल हाई-वे और स्टेट हाई-वे के किनारे खाली बंजर पहाड़ों को हरित क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा इसी वर्ष शुरू की गई मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना के तहत बंजर व सूखे पहाड़ों को पौधारोपण कर हरा भरा बनाया जाएगा। इसके लिए शुरुआती चरण की प्लानिंग कर ली गई है। बिलासपुर जिला में शिमला-मटौर एनएच किनारे विनायकघाट के पास खाली पड़ी 10 हेक्टेयर जमीन का चयन किया गया है। मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना के क्रियान्वयन को लेकर राज्य सरकार ने बिलासपुर सर्किल के मुख्य अरण्यपाल अनिल कुमार शर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी, जिसमें मुख्य अरण्यपाल मंडी, अरण्यपाल नाहन व चंबा शामिल थे। कमेटी ने पूरे अध्ययन के बाद एनएच व स्टेट हाई-वे किनारे की तीन मॉडल पर प्लांटेशन करने का सुझाव दिया है।
जिसके तहत कैटेगरी एक में जंगल का साउथ हिस्सा, जहां सीधे सूर्य की रोशनी पड़ती है। कैटेगरी दो के तहत ऐसी साइट्स जहां मिट्टी व पत्थर अधिक मात्रा में पाए जाते हैं और तीसरी कैटेगरी में शहरों के पास ऐसी खाली साइट्स, जहां पेड़-पौधे नहीं हैं और यह जगह ज्यादातर खराब रहती हैं, वहां पर प्लांटेशन की जाएगी। वहीं अनिल कुमार शर्मा, मुख्य अरण्यपाल, वन वृत्त बिलासपुर ने बताया कि बिलासपुर जिला में शिमला-मटौर एनएच किनारे विनायकघाट में 10 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की जाएगी, जिसे पौधारोपण के जरिए हरा भरा बनाया जाएगा। (एचडीएम)
पौधों के संरक्षण को खंभे लगाकर बाड़बंदी
एनएच व स्टेट हाई-वे किनारे नंगे पहाड़ों को हरा भरा बनाने के लिए कैंपा का बजट खर्च किया जाएगा। बिलासपुर जिला में एनएच किनारे विनायकघाट के पास 10 हैक्टेयर एरिया चयनित किया गया है जहां प्लांटेशन की जाएगी वहां पर लगाए गए पौधों के संरक्षण के लिए कंकरीट के खंभे लगाकर बाड़बंदी की जाएगी। प्लांटेशन के लिए प्रति हेक्टेयर दो लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है। ऐसे में बिलासपुर में 20 लाख रुपए का बजट खर्च होगा।