हिमाचल प्रदेश

समर फैस्टीवल की तीसरी संध्या में पंजाबी गायक सतिंदर सरताज गानों पर झूमे दर्शक

Shantanu Roy
4 Jun 2023 9:49 AM GMT
समर फैस्टीवल की तीसरी संध्या में पंजाबी गायक सतिंदर सरताज गानों पर झूमे दर्शक
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शिमला। इंटरनैशनल समर फैस्टीवल की तीसरी संध्या में पंजाबी गायक सतिंदर सरताज के गानों पर युवाओं से लेकर सभी दर्शकों ने जमकर धूम मचाई। पंजाबी गाने जैसे ही शुरू हुए तो दर्शक दीर्घा से लेकर रिज व मालरोड पर लोगों ने नाचना शुरू कर दिया। सतिंदर सरताज ने अपने गाने की शुरूआत साईं वे साडी फरियाद तेरे ताईं से की। इसके बाद उन्होंने गीतों की झड़ी लगाते हुए दर्शकों को नाचने पर मजबूर कर दिया। इससे पहले स्टेज पर आते ही दर्शकों ने सरताज का तालियों व सीटियों से स्वागत किया। सरताज को देखने के लिए रिज मैदान पर हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे। पुलिस को भी इन्हें नियंत्रित करने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी। सतिंदर सरताज ने अपने सूफी और पंजाबी गानों से काफी समय तक समां बांधे रखा। उनके जाने के बाद भी दर्शक लगातार उनके और गानों की डिमांड कर रहे थे। प्रशासन ने समय और गायक की उपलब्धता को देखते हुए कार्यक्रम को समाप्त कर दिया।
पंजाबी गायक को सुनने के लिए हिमाचल और स्थानीय लोगों के साथ सैलानियों में भी काफी जोश दिखा। सैलानी इन्हें सुनने के लिए विशेष तौर पर चंडीगढ़, पंजाब, पटियाला से यहां पर आए हुए थे। उनका कहना था कि पहाड़ों की गोद में सरताज को सुनने के लिए काफी समय से तरस रहे थे। पहली बार यह मौका मिला है इसलिए आज सुबह ही शिमला पहुंचे हैं। इससे पहले शनिवार को शाम 4 बजे स्कूली बच्चों का कार्यक्रम शुरू किया गया था। स्कूली बच्चों ने काफी समय तक रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दीं। इसके बाद स्थानीय कलाकारों हैरी, इंदु, अरुण जस्टा, राजेश मालिक और इंदरजीत ने भी अपनी प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम में पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह बतौर मुख्यातिथि पहुंचे थे। उन्होंने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से हमारी संस्कृति को बढ़ावा मिलता है। छोटे बच्चों को भी अपनी छुपी हुई प्रतिभा को बाहर लाने के लिए एक मंच मिल जाता है। उन्होंने प्रशासन के इन प्रयासों की भरपूर सराहना की। शनिवार को दिनभर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गईं, जिसमें मुख्यत फैशन शो, मंच पर विभिन्न स्कूलों की प्रस्तुतियां, पुलिस रिपोर्टिंग रूप के सामने पारंपरिक लोक वाद्य यंत्र वादन की प्रस्तुति एवं उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र पटियाला के कलाकार ने अपनी प्रस्तुति दी।
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