हिमाचल प्रदेश

मंदिर कमेटी के सदस्यों ने अब डीसी को सौंपा ज्ञापन

Shreya
7 Aug 2023 8:46 AM GMT
मंदिर कमेटी के सदस्यों ने अब डीसी को सौंपा ज्ञापन
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हमीरपुर: जिला मुख्यालय हमीरपुर से सटे अणु स्थित दो पंचायतों की बाउंड्री पर सरकारी भूमि पर बने माता वैष्णो देवी मंदिर के आसपास की जमीन पर जारी अवैध कब्जों का क्रम थमने का नाम नहीं ले रहा है। आलम यह है कि एक तरफ जहां खुदाई इत्यादि करके इस जमीन को कब्जाने का प्रयास किया जा रहा है वहीं इस जमीन पर मिट्टी के ढेर और गंदगी इत्यादि फैलाकर इस जमीन का मिसयूज किया जा रहा है। मंदिर कमेटी ने इस मसले को लेकर एक बार फिर से डीसी हमीरपुर से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा है। इससे पूर्व मंदिर कमेटी के लोग मुख्यमंत्री के समक्ष भी इस मामले को उठा चुके हैं कि यदि समय रहते कुछ न किया गया तो 50 से 55 कनाल के लगभग इस सरकारी भूमि पर आने वाले दिनों में लोगों के पक्के घर और दीवारें नजर आएंगी।

हैरत की बात यह है कि वन महकमा भी इस सब से बेखबर नजर आ रहा है और अज्ञात कब्जाधारियों के हौसलें लगातार बुलंद हो रहे हैं। डीसी को सौंपे ज्ञापन में माता वैष्णो देवी मंदिर कमेटी के प्रधान प्रीतम चंद और सदस्यों ने बताया कि मंदिर के साथ लगती भूमि पर वन विभाग और मंदिर कमेटी के सदस्यों ने विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए थे। इन सभी पौधों की देखभाल भी मंदिर कमेटी ही कर रही है। इन पौधों के सरंक्षण के लिए वन विभाग ने बांस के डंडे लगा कर कंटीली तार लगाई थी, लेकिन अब यह बांस के डंडे गल-सड़ कर गिर गए हैं। इस कारण वहां लगे पौधों को उखाड़ कर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं। यही नहीं इस सरकारी भूमि पर लोगों ने यहां पानी की टंकियां भी बनवा दी हैं। इस बारे में वह मुख्यमंत्री को भी पत्र लिख कर अवगत करवा चुके हैं। मंदिर कमेटी ने ज्ञापन में कहा है कि इन बांस के डंडों को हटा कर उनकी जगह सीमेंट या लौहे वाले पोल लगाकर कंटीली तार को अच्छी तरह लगाया जाए और अवैध कब्जाधारियों पर शिकंजा कसने के लिए उनपर कार्रवाई की जाए जिन्होंने इस जमीन को धीरे-धीरे हथियाने की मुहिम चला रखी है।

मंदिर से जुड़ी है सैकड़ों लोगों की आस्था

जहां यह वैष्णो देवी माता का मंदिर है उसे ‘पूजा दा रिड़ू’ कहा जाता है। वैष्णो माता अणु खुर्द और अणु कलां समेत अन्य ग्रामीणों की कुलदेवी है। यूं कहें तो सैकड़ों लोगों की आस्था इस मंदिर से जुड़ी है। बताते हैं कि यहां पहले छोटा सा मंदिर हुआ करता था। बाद में मंदिर कमेटी के प्रयासों से बड़ा मंदिर इस सरकारी भूमि पर बनाया गया। जमीन का मालिक वन महकमा ही है लेकिन वैष्णो देवी मंदिर कमेटी केवल इस जमीन की देखरेख करती है।

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