हिमाचल प्रदेश

"स्विंग क्वीन" रेणुका ठाकुर बनी इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर

Gulabi Jagat
25 Jan 2023 5:02 PM GMT
स्विंग क्वीन रेणुका ठाकुर बनी इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर
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शिमला : रोहड़ू की बेटी रेणुका सिंह ठाकुर ने विश्व स्तर पर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। भारतीय टीम के स्टार गेंदबाज रेणुका सिंह को आईसीसी ने साल 2022 के लिए इमर्जिंग प्लेयर चुना है। रेणुका सिंह ठाकुर को साल 2022 में विश्व की उभरती हुई सबसे सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज बनी है। 26 साल की रेणुका सिंह ठाकुर ने 2022 में वनडे और टी-20 मुकाबले जोड़कर 29 मैच में 40 विकेट झटके।
रेणुका सिंह ठाकुर टीम इंडिया की सबसे बड़ी स्टार बनकर उभरी है। अपनी स्विंग गेंदबाजी के लिए जाने जाने वाली रेणुका सिंह ठाकुर ने विपक्षी बल्लेबाजों को खूब परेशान किया। रेणुका सिंह ठाकुर के टीम में आने से झूलन गोस्वामी जैसी बड़ी गेंदबाज की कमी महसूस नहीं हुई।
वनडे में रेणुका ने 14.88 की औसत से 18 विकेट झटके थे। इस दौरान उनका इकोनॉमी रेट 4.62 का रहा था। वहीं, टी-20 में रेणुका ने 23.95 की औसत से 22 विकेट झटके। इस दौरान उनका इकोनॉमी रेट 6.50 का रहा था।
इनको हराकर अपने नाम किया ख़िताब
भारत की सबसे नई तेज गेंदबाज रेणुका सिंह के साथ ऑस्ट्रेलिया की डार्सी ब्राउन, इंग्लैंड की एलिस कैपसी और हमवतन यास्तिका भाटिया को ICC इमर्जिंग वुमन क्रिकेटर ऑफ द ईयर 2022 के लिए नॉमिनेट किया गया था। रेणुका ने इन सभी को पछाड़ते हुए ख़िताब को अपने नाम किया है।
ये यादगार प्रदर्शन
रेणुका ठाकुर ने पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के फाइनल में पहुंचने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया के पहले मुकाबले में 18 रन देकर चार विकेट झटके थे। इनमें ऑस्ट्रेलियाई स्टार बल्लेबाज एलिसा हीली, कप्तान मेग लेनिंग, बेथ मूनी और ताहिला मैकग्रा के विकेट शामिल हैं। रेणुका ने इस मैच में कुल 16 डॉट बॉल डाले थे। उनकी वजह से एक समय ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 34 रन पर चार विकेट हो गया था। हालांकि, ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 154 रन के लक्ष्य को बाद में हासिल कर लिया था।
कॉमनवेल्थ गेम्स के फाइनल में भी रेणुका का प्रदर्शन लाजवाब रहा था। फाइनल में एक बार फिर सामने ऑस्ट्रेलियाई टीम थी। इस मैच में रेणुका ने चार ओवर में 25 रन देकर दो विकेट झटके थे। हालांकि, फाइनल में भी भारत को नौ रन से हार का सामना करना पड़ा था। पिछले साल महिला एशिया कप में रेणुका ने छह मैचों में छह विकेट झटके थे।
छोटी उम्र में खो दिए थे पापा, ऐसे शुरू हुआ सफर
रेणुका ने तीन साल की उम्र में अपने पिता केहर सिंह ठाकुर को खो दिया था। पिता क्रिकेट के बड़े शौकीन थे। उन्होंने बड़े बेटे का नाम अपने पसंदीदा क्रिकेटर विनोद कांबली के नाम पर विनोद रखा था। बता दें कि रेणुका के पिता रोहड़ू में आईपीएच विभाग में कार्यरत थे। 1999 में उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद परिवार की जिम्मेदारी रेणुका की मां सुनीता के कंधों पर आ गई। रेणुका अक्सर कुंडी नाले के पास गांव के मैदान में क्रिकेट खेलने जाती थी। मां सुनीता ने भी बेटी को प्रोत्साहित किया। उनका कहना है कि पति चाहते थे कि उनके दोनों बच्चे खेल खेलें और देश को गौरवान्वित करें।
सुनीता देवी ने कहा कि बीमारी के बाद परिवार के मुखिया की मृत्यु, एक कठिन दौर था। लेकिन बेटे और बेटी को कभी खेलने के लिए नहीं रोका। रोहड़ू में रेणुका अपना समय बड़े भाई विनोद और उसके दोस्तों के साथ गांव के मैदान में क्रिकेट खेलकर बिताती थी। कभी-कभी वह दूसरे गांवों में क्रिकेट खेलने जाती थी। बाद में उन्हें एचपीसीए अकादमी के लिए चुना गया। इसके बाद रेणुका को परिवार से दूर रहना पड़ा, लेकिन आज भारतीय महिला टीम का हिस्सा देखना कठिन दौर का एक ईनाम है।
अकादमी ज्वाइन करने के बाद रेणुका को हिमाचल में अंडर -16 और अंडर -19 टीमों के लिए खेलने का मौका मिला। 2019 में बीसीसीआई महिला एक दिवसीय टूर्नामेंट में रेणुका ने 23 विकेट झटके।
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