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Supreme कोर्ट ने हिमाचल हाईकोर्ट से 2 न्यायिक अधिकारियों का आग्रह
Himachal हिमाचल: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के कॉलेजियम से हाई कोर्ट के जज के तौर पर पदोन्नति promotion के लिए दो वरिष्ठतम जिला एवं सत्र न्यायाधीशों के नामों पर पुनर्विचार करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश किसी सिफारिश पर व्यक्तिगत रूप से पुनर्विचार नहीं कर सकते और यह केवल हाई कोर्ट कॉलेजियम द्वारा सामूहिक रूप से किया जा सकता है। न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने दो वरिष्ठतम जिला एवं सत्र न्यायाधीशों द्वारा दायर याचिका पर अपना फैसला सुनाया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि हाई कोर्ट के जज के तौर पर नामों के चयन में हाई कोर्ट कॉलेजियम द्वारा उनकी योग्यता और वरिष्ठता पर विचार नहीं किया गया। पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, "हाई कोर्ट कॉलेजियम के सदस्यों द्वारा कोई सामूहिक परामर्श और विचार-विमर्श नहीं किया गया।"
"उपरोक्त के मद्देनजर, हाई कोर्ट कॉलेजियम को अब 4 जनवरी, 2024 के सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के फैसले Verdict का पालन करते हुए हाई कोर्ट के जज के तौर पर पदोन्नति के लिए चिराग भानु सिंह और अरविंद मल्होत्रा के नामों पर पुनर्विचार करना चाहिए..." 13 मई को सुनवाई के दौरान दोनों न्यायिक अधिकारियों की ओर से पेश हुए वकील ने 4 जनवरी के सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के प्रस्ताव और उसके बाद हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट को केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से भेजे गए संदेश का हवाला देते हुए कहा कि इनके अनुसार याचिकाकर्ताओं के नामों पर हाई कोर्ट कॉलेजियम को विचार करना चाहिए था। अपना फैसला सुनाते हुए शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा, "दोनों याचिकाकर्ताओं की उपयुक्तता पर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का फैसला, जैसा कि 6 मार्च, 2024 को लिखे गए उनके पत्र में बताया गया है, एक व्यक्तिगत फैसला प्रतीत होता है।