- Home
- /
- राज्य
- /
- हिमाचल प्रदेश
- /
- महाराष्ट्र में हो चुका...
हिमाचल प्रदेश
महाराष्ट्र में हो चुका है सफल परीक्षण, एनएच किनारे दिखेंगे बांस के क्रैश बैरियर
Gulabi Jagat
4 Aug 2023 11:25 AM GMT
x
शिमला: पहाड़ पर बने नेशनल हाईवे को अब सुरंग और क्रैश बैरियर से संभाला जाएगा। क्रैश बैरियर में पहली बार बांस का इस्तेमाल करने की तैयारी चल रही है। केंद्र सरकार हादसों को रोकने के मद्देनजर इस कदम को उठाएगी और खास बात यह है कि नेशनल हाईवे के किनारे क्रैश बैरियर के तौर पर लगने वाले बांस किसानों से खरीदे जाएंगे। महाराष्ट्र में बांस से बने क्रैश बैरियर का सफल परीक्षण हो चुका है। यहां वनी-वरोरा हाईवे पर करीब 200 मीटर के दायरे में बांस के क्रैश बैरियर स्थापित किए गए हैं। हिमाचल में बरसात से हुए नुकसान का जायजा करके लौटे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अब इन क्रैश बैरियर को प्रदेश में भी स्थापित करने की बात कही है। नितिन गडकरी ने राज्यसभा में दिए अपने संबोधन में यह बात कही है। नितिन गडकरी जम्मू-कश्मीर के सांसद गुलाम अली के सवाल का जवाब दे रहे थे। सांसद गुलाम अली ने उनसे जम्मू-कश्मीर में खिता चनाब में क्रैश बैरियर को लेकर सवाल पूछा था।
इसके जवाब में नितिन गडकरी ने कहा कि वह हाल ही में हिमाचल प्रदेश का दौरा करके लौटे हैं। हिमाचल में मनाली में अटल टनल का निर्माण किया गया है और अब रोहतांग जाने में महज आठ मिनट लगते हैं, जबकि पहले यह सफर साढ़े तीन घंटे का था। केंद्र सरकार यहां पांच और टनल बनाएगी। यह टनल नेशनल हाईवे पर लेह-लद्दाख तक स्थापित होंगी। पहाड़ी क्षेत्रों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर समेत अन्य प्रदेशों में कंकरीट और प्लास्टिक के गोल लगाए जाएंगे। इससे हादसे का शिकार होने वाले वाहनों को ज्यादा क्षति होने से बचाया जा सकेगा। इसके साथ ही केंद्र सरकार बांस के क्रैश बैरियर भी स्थापित करेगी। शुरुआत में आसाम से बांस की खरीद होगी और धीरे-धीरे पूरे देश में ऐसे क्रैश बैरियर स्थापित किए जाएंगे। (एचडीएम)
90 नहीं, अब 45 डिग्री पर कटिंग
हिमाचल में नेशनल हाईवे पर 90 डिग्री में खड़े पहाड़ों की कटिंग अब दोबारा होगी। इन पहाड़ों को 45 डिग्री तक लाने के प्रयास एनएचएआई करेगा, ताकि भविष्य में नेशनल हाईवे पर किसी भी तरह का भूस्खलन न हो। एनएचएआई आईआईटी के विशेष दल की सलाह पर यह कदम उठाएगा। जिन जगहों पर हाईवे की अलाइनमेंट ठीक नहीं है, वहां सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। यह खुलासा पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने किया है। उन्होंने बताया कि कालका-शिमला मार्ग को खोलने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
यह बोले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी
हिमाचल में मनाली से रोहतांग पास जाते हैं तो साढ़े तीन घंटे लगते थे, अब अटल टनल बनने के बाद आठ मिनट में पहुंच जाते हैं। यहां लद्दाख-लेह तक पांच और टनल बनाएंगे। पहले लोहे के क्रैश बैरियर लगते थे, अब बांस के क्रैश बैरियर बना रहे हैं। इसमें आदिवासी और ग्रामीणों को काम मिलेगा। जहां हादसे हो रहे हैं, वहां कंकरीट और प्लास्टिक के गोल लगाए जाएंगे। इनमें टकराने के बाद गाडिय़ां खाई में नहीं गिरेंगी। हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड समेत जहां भी पहाड़ी क्षेत्र हैं इस तकनीक का इस्तेमाल होगा।
Next Story