हिमाचल प्रदेश

कई नामी कंपनियों को एक्सपोर्ट क्वालिटी का एक्सीसिएंट बताकर बेच चुका है सब्सटेंडर्ड माल

Admin4
16 May 2023 9:49 AM GMT
कई नामी कंपनियों को एक्सपोर्ट क्वालिटी का एक्सीसिएंट बताकर बेच चुका है सब्सटेंडर्ड माल
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नाहन। प्रदेश में निष्क्रिय दवा सामग्री यानी एक्सीसिएंट के एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। सिंगला इंटरनेशनल फर्म के द्वारा ना केवल बद्दी की जेआरएस बल्कि मैनकाइंड जैसी कई बड़ी कंपनियों को भी सब्सटेंडर्ड निष्क्रिय दवा सामग्री बेचकर उनकी प्रतिष्ठा को दागदार करने की कोशिश की है।
सूत्रों की माने तो यह फर्म और भी कई धंधा करती है जिसकी जानकारी इस मामले में जांच कर रही टीम को भी अभी तक नहीं मिल पाई है। एक अनुमान के अनुसार केसी इंटरनेशनल के द्वारा इस बड़े फर्जीवाड़े के तहत 1 साल से भी कम समय में डेढ़ सौ करोड़ से भी अधिक का फर्जी कारोबार किया गया है। असल में केसी इंटरनेशनल हिमाचल प्रदेश के ड्रग हब बद्दी बरोटीवाला काला अंब तथा पावंटा साहिब की नामी गिरामी कंपनियों को उच्च क्वालिटी के चाइना को छोड़कर अन्य विदेशी निष्क्रिय दवा सामग्री सप्लाई करता था। फर्म का मालिक सबसे ज्यादा बद्दी की जेआरएस कंपनी को यह सामग्री देता था।
शातिर व्यक्ति ब्रांडेड विदेशी कंपनियों से मंगाए गए समान के लेबल फर्जी तैयार कर लिया करता था। मंगाया गया माल बहुत कम मात्रा में होता था मगर उसकी आड़ में उस कंपनी का लेबल खुद प्रिंट करवा कर मिस ब्रांडेड यानी सब्सटेंडर्ड निष्क्रिय दवा सामग्री और अन्य रॉ मैटेरियल पर लगाकर उसे ब्रांडेड और स्टैंडर्ड का बताकर बेच दिया करता था।
केसी इंटरनेशनल कंपनी के चंगुल में कालाअंब, पांवटा साहिब, बद्दी बरोटीवाला सहित अन्य राज्यों की कई ऐसी बड़ी कंपनियां थी, जिन्हें यह निष्क्रियता सामग्री तथा अन्य रो मटेरियल बेचा करता था। इसके इस अचूक कारनामे का खुलासा उस समय हुआ जब कुछ नामी-गिरामी कंपनियों के प्रोडक्ट सब्सटेंडर्ड हो गए।
जिसके चलते इन कंपनियों के कई बैच के बैच वापिस भेज दिए गए जिससे उन्हें अरबों रुपए का चूना भी लगा। जानकारी तो यह भी है कि पंचकूला में इनकी एक और फर्मबी है जिसे एक महिला संचालित करती है। इस पूरे प्रकरण को लेकर और बनाई गई दवाओं के सर स्टैंडर्ड होने पर ड्रग डिपार्टमेंट भी चौकन्ना हो गया।
ड्रग कंट्रोलर का कार्यभार देख रहे मनीष कपूर नँएप अपने सबसे काबिल अधिकारी लवली ठाकुर और उनके साथ ड्रग इंस्पेक्टर सुरेश अभिलाष कुशल अक्षय आदि को टीम में ज शामिल कर जांच का जिम्मा सौंपा। जग डिपार्टमेंट के द्वारा बद्दी बरोटीवाला की फर्म में छापा भी डाला गया और उसे सील भी कर दिया गया।
यहां बड़ी बात यह भी रही कि फर्जीवाड़ा करने वाली फर्म के दोनों भाई भूमिगत हो चुके हैं। इन दोनों की जगह फैक्ट्री के युवक को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। मगर सवाल यह उठता है कि एक अत्यधिक खतरनाक और संगीन अपराध करने वाले आरोपी अभी तक पुलिस के हत्थे क्यों नहीं चल पाए हैं।
जानकारी तो यह भी है कि केसी इंटरनेशनल के द्वारा मामला रफा-दफा करने के लिए भी एक अधिकारी से कहा गया था। जानकारी तो यह है कि संभवत एक-दो दिन में ड्रग डिपार्टमेंट और बड़े खुलासे इस मामले में कर सकता है। अब सवाल यह भी उठता है कि सिंगला इंटरनेशनल इस कारोबार को कब से कर रहा था।
ना केवल प्रदेश बल्कि देश के अन्य राज्य में स्थित किन-किन फार्मा इंडस्ट्री को इसने निष्क्रिय दवा सामग्री व अन्य रॉ मैटेरियल सप्लाई किए हैं। जानकारी तो यह भी है कि इस खेल में कहीं ना कहीं ड्रग डिपार्टमेंट के किसी व्यक्ति की भी सांठगांठ बताई जा रही है। यह व्यक्ति किस स्तर का है यह भी अब जांच का विषय है।
बरहाल जग डिपार्टमेंट के द्वारा मामला अंतर्गत ड्रग एंड कॉस्मेटिक धारा 17 बी के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। देखना यह होगा कि मुख्य आरोपी कब पुलिस के हत्थे चढ़ते हैं। जानकारी तो यह भी मिली है कि आरोपी अपनी एंटीसिपेटरी बेल के लिए भी काफी जद्दोजहद कर रहे हैं।
बरहाल केसी इंटरनेशनल जैसे अन्य निष्क्रिय दवा व दवा रॉ मैटेरियल सप्लाई करने वाले ना जाने और कितने खिलाड़ी प्रदेश के सर से फार्मा हब होने का ताज छीन लेना चाह रहे हैं। इनके खराब रॉ मैटेरियल और निष्क्रिय दवा सामग्रियों के चलते काला आम तथा पावंटा साहिब के कई बड़े नानी ज्ञानी फार्मा यूनिट संचालकों को भारी नुक्सान भी उठाना पड़ा है।
उधर, फर्म के अंकित सिंगला से कई बार बात करने की कोशिश की गई यहां तक कि उन्हें मैसेज भी दिया गया बावजूद उसके उन्होंने अपना पक्ष हमें नहीं दिया है।
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