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हिमाचल प्रदेश
नीट एग्जाम में चौथी बार असफल रहा छात्र, मानसिक तनाव में आकर बनाया फर्जी सर्टीफिकेट
Shantanu Roy
5 Jan 2023 12:03 PM GMT

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बड़ी खबर
शिमला। इंदिरा गांधी मेडिकल काॅलेज में एमबीबीएस के दाखिले में हुए फर्जीवाड़े मामले को लेकर आरोपी छात्र के अब राज खुलने शुरू हो गए हैं। पुलिस पूछताछ में आरोपी छात्र कार्तिक ने बताया कि वह घर से इकलौता बेटा है। चौथी बार नीट का एग्जाम दिया था। जब चौथी बार भी असफल रहा तो मानसिक तनाव में आकर फर्जी सर्टीफिकेट बना डाला। डाॅक्टर बनना लक्ष्य था। आरोपी छात्र के नीट एग्जाम में 400 अंक आए थे, ऐसे में वह मैरिट लिस्ट से बाहर हो रहा था। तभी छात्र ने टैंपरिंग कर 400 से सीधे 560 अंक बनाए। अटल मेडिकल रिसर्च विश्वविद्यालय नेरचौक मंडी ने मेडिकल काॅलेजों में एडमिशन के लिए काऊंसलिंग करवाई थी, जिसके आधार पर उसे आईजीएमसी में एडमिशन मिल गई। आईजीएमसी में पहले 3 बार काऊंसलिंग हुई।
उसके बाद मॉपअप राऊंड हुआ। जब ब्रांच में सार्टीफिकेट को अपलोड कर रहे थे तो उसमें पाया गया कि इस रैंक में तो हरियाणा की छात्रा है। उसके बाद तुरंत आईजीएमसी प्रशासन हरकत में आया और जांच शुरू की। जांच में सार्टीफिकेट फर्जी पाया गया। छात्र बिलासपुर के घुमारवीं का रहने वाला है और उसके पिता सीमैंट फैक्टरी में काम करते हैं। बेटे के ऐसे कारनामों से मां व पिता के होश उड़ गए हैं। आरोपी छात्र की छात्रा से चंडीगढ़ में पढ़ाई के दौरान पहचान हुई थी। यह बात छात्र ने स्वयं कबूली है। हालांकि इसका छात्रा को कोई पता नहीं है। पुलिस पूछताछ में छात्र ने यह भी कबूला है कि नैशनल टैस्टिंग एजैंसी (एनटीए) द्वारा एमबीबीएस में प्रवेश के लिए करवाई गई नीट के रिजल्ट के बाद सार्टीफिकेट में उसने स्वयं ही छेड़छाड़ की है।
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