हिमाचल प्रदेश

हाइड्रो पावर कंपनी पर प्रदेश हाईकोर्ट ने लगाया 50 हजार जुर्माना

Admin Delhi 1
18 Sep 2022 7:52 AM GMT
हाइड्रो पावर कंपनी पर प्रदेश हाईकोर्ट ने लगाया 50 हजार जुर्माना
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शिमला न्यूज़: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जिला कुल्लू के भुंतर स्थित मैसर्स गुनाल हाइड्रो पावर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया और कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने पर पावर कंपनी पर 50 हजार रूपये का जुर्माना लगाया। हाईकोर्ट ने एसपी कुल्लू को इस मामले से जुड़े जांच अधिकारी को निलंबित करने और उसके खिलाफ नियमित जांच शुरू करने के भी आदेश दिए। न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने मेसर्स गुनाल हाइड्रो पावर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर एक याचिका पर यह आदेश पारित किया। याचिकाकर्ता कंपनी के अनुसार 22 मार्च 2022 को रायसन और बेंची गांव के कुछ ग्रामीण निर्माण स्थल पर आए और मजदूरों को पीटना शुरू कर दिया तथा उनके द्वारा उठाए गए लेबर शेड को भी ध्वस्त कर दिया। कंपनी द्वारा मामले की सूचना पुलिस स्टेशन, पतलीकुहल को दी गई और एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद याचिकाकर्ता-कंपनी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए गुहार लगाई कि तपन महंत और ग्राम पंचायत बेंची के ग्रामीण आगजनी, गाली-गलौज, हिंसा और श्रमिकों को रोकने के रूप में अवैध गतिविधियों में संलिप्त हैं और कंपनी परिसर के 500 मीटर दायरे में इस तरह की गतिविधियां रोकने के राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिए जाएं। याचिकाकर्ता-पावर कंपनी के कथन को सत्य मानते हुए हाईकोर्ट ने 10 मई 2022 को उक्त नामित प्रतिवादियों को निर्माण स्थल के 500 मीटर के दायरे में प्रवेश करने से रोकने का आदेश पारित किया।

इस बीच 19 अगस्त 2022 को ग्रामीणों के परियोजना स्थल में प्रवेश करने के आरोप पर याचिकाकर्ता-कंपनी के प्रबंधक द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर 22 अगस्त 2022 को मामले में एक और प्राथमिकी दर्ज की गई। न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि याचिकाकर्ता और पुलिस अधिकारियों द्वारा अदालत के आदेशों का दुरुपयोग किया जा रहा है। याचिकाकर्ता-कंपनी के महाप्रबंधक और अदालत में मौजूद जांच अधिकारी उन आरोपों को साबित करने में विफल रहे कि 19 अगस्त को कोई अप्रिय घटना हुई थी, जैसा कि याचिकाकर्ता द्वारा आरोप लगाया गया था, जिसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी। कोर्ट ने आगे कहा कि 19 अगस्त को एसएचओ पाटलीकुहल द्वारा दायर की गई स्थिति रिपोर्ट के अनुसार कंपनी परिसर के आसपास कभी भी कुछ भी अप्रिय नहीं हुआ और याचिकाकर्ता व जांच अधिकारी का आचरण निंदनीय है।

हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कंपनी पर 50 हजार का जुर्माना लगा और कुल्लू के एसपी को जांच अधिकारी को निलंबित करने के आदेश दिया। जांच अधिकारी के खिलाफ कर्तव्यों में लापरवाही और अदालत के आदेशों का दुरुपयोग करने पर नियमित जांच करने के भी फरमान दिए। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि डीएसपी स्तर से नीचे का अधिकारी जांच नहीं करेगा और इसे दो महीने की अवधि के भीतर तुरंत पूरा करना होगा। हालांकि हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जांच अधिकारी के खिलाफ व्यक्त किए गए उपरोक्त विचार केवल संभावित हैं, और किसी भी आरोप या प्रयास के लिए इसे नहीं ठहराया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि जांच अधिकारी यदि दुर्व्यवहार का दोषी पाया जाता है, तो उसे उचित अवसर प्रदान करने के बाद जांच में साबित किया जाना है। हाईकोर्ट द्वारा इस संबंध में अनुपालन रिपोर्ट 23 नवंबर 2022 को मांगी गई है।

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