हिमाचल प्रदेश

राज्य सरकार ने आम और नीम्बू प्रजाति के फलों पर एमआईएस किया लागू

Gulabi Jagat
21 July 2022 6:38 AM GMT
राज्य सरकार ने आम और नीम्बू प्रजाति के फलों पर एमआईएस किया लागू
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हिमाचल प्रदेश
शिमला: हिमाचल सरकार ने वर्ष 2022 के लिए प्रसंस्करण श्रेणी के आम के प्रापण के लिए मंडी मध्यस्थता योजना लागू कर दी है. योजना के तहत 250 मीट्रिक टन सीडलिंग आम 10.50 रुपये प्रति किलो, 500 मीट्रिक टन ग्राफ्टेड आम 10.50 रुपये प्रति किलो और 500 मीट्रिक टन आचारी किस्म के आम का 10.50 रुपये प्रति किलो की दर से लिया जाएगा. फलों का प्रापण एचपीएमसी और हिमफेड द्वारा क्रेट्स में किया जाएगा और इन एजेंसियों को 1.30 रुपये प्रति किलो की दर से हैंडलिंग चार्जिज की अनुमति होगी. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की तरह सीडलिंग आम का औसत विक्रय रिटर्न प्रति लाभ 2500 रुपये प्रति मीट्रिक टन, आचारी आम का 2500 रुपये प्रति मीट्रिक टन और ग्राफ्टेड आम का 3500 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से आकलन किया गया है.योजना के तहत 42 फल प्रापण केंद्र खोले जाएंगे. एचपीएमसी और हिमफेड द्वारा पिछले तीन से पांच वर्षों के प्रापण डेटा के आधार पर प्रापण केंद्र स्थापित करने के लिए समन्वय किया जाएगा. यह केंद्र प्रापण एजेंसियों द्वारा खोले जाएंगे और इनका संचालन एचपीएमसी और हिमफेड के स्टाफ द्वारा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि योजना के तहत वाष्पोत्सर्जन और हैंडलिंग प्रक्रिया के नुकसान के दृष्टिगत बागवानों/उत्पादकों से भार के आधार पर 2.5 प्रतिशत फलों का अतिरिक्त प्रापण (Horticulture in himachal ) किया जाएगा. योजना के तहत उन किसानों/बागवानों से फलों का प्रापण किया जाएगा जिनके पास बागवानी कार्ड और आम उत्पादन के तहत 10 बीघा या इससे कम जमीन है. ठेकेदारों से किसी भी फल का प्रापण नहीं किया जाएगा. राज्य में यह योजना एक जुलाई से 31 अगस्त, 2022 तक कार्यान्वित की जाएगी.प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए नीम्बू प्रजाति के फलों (fruits of mango and lemon varieties) जैसे किन्नू, मालटा, संतरा और गलगल के प्रापण के लिए भी मंडी मध्यस्थता योजना लागू करने के लिए स्वीकृति (Himachal government approves implementation of MIS) प्रदान कर दी है. यह योजना 21 नवम्बर, 2022 से 15 फरवरी, 2023 तक लागू होगी. उन्होंने बताया कि योजना के अन्तर्गत 500 मीट्रिक टन किन्नू /मालटा/संतरा का प्रापण श्रेणी-बी का 9.50 रुपये प्रति किलो ग्राम एवं श्रेणी-सी का 9.00 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से तथा 100 मीट्रिक टन गलगल का प्रापण 8.00 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से किया जाएगा. किन्नू/मालटा/संतरा के लिए 2.65 रुपये प्रति किलो ग्राम तथा गलगल के लिए 1.00 रुपये प्रति किलो ग्राम की दर से हैंडलिंग चार्जिज दिए जाएंगे.उन्होंने बताया कि कल्पित विक्रय वसूली को किन्नू, माल्टा, संतरा के लिए 3.50 रुपए प्रति किलोग्राम तथा गलगल के लिए 1.50 प्रति किलोग्राम रखा जाएगा. इस योजना के अंतर्गत कुल 52 प्रापण केन्द्र मांग के आधार पर खोले जाएंगे और आवश्यकता के आधार पर बाद में और प्रापण केन्द्र खोले जाएंगे जिनका संचालन एचपीएमसी व हिमफेड अपने स्टाफ द्वारा ही करेंगे. भंडारण व यातायात के नुकसान इत्यादि की भरपाई को ध्यान में रखते हुए इस योजना के अंतर्गत इस वर्ष भी फलों का प्रापण 2.5 प्रतिशत अधिक फल सहित किया जाएगा.

सोर्स: etvbharat.com

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