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हिमाचल प्रदेश
स्टेट असिस्टेंट लाइब्रेरियन एसोसिएशन ने कम फीस पर उठाए सवाल, किताब देरी से लौटाने पर 10 पैसे शुल्क
Gulabi Jagat
23 May 2023 11:29 AM GMT
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शिमला
प्रदेश के सार्वजनिक पुस्तकालयों में सदस्यों से लिए जाने वाले सुरक्षा धन व अन्य शुल्क की दरों में बढ़ोतरी किया जाना समय की मांग है, लेकिन इसमें किताबों की देरी पर जो शुल्क रखा गया है, उसकी दरें पुराने जमाने की है। प्रदेश के राज्य पुस्तकालयों में शिक्षा विभाग की ओर से किताबों को देरी से लौटाने के लिए 10 और 50 पैसे शुल्क रखा गया है, जबकि किताबों की खरीद पर आने वाला खर्च इससे चार गुना है। स्टेट असिस्टेंट लाइब्रेरीयन एशोसिएशन ने शिक्षा विभाग की इन दरों पर सवाल उठाए हैं। प्रदेशाध्यक्ष भगत सिंह गुलेरिया का कहना है कि सार्वजनिक पुस्तकालय का स्वरूप अब बदल गया है। ऐसे में जब सब कुछ पहले से महंगा हो गया है, जीवन स्तर बदल गया है, तो सार्वजनिक पुस्तकालय की नि:शुल्क सेवाओं के बदले में सुरक्षा धन व अन्य शुल्क में बढ़ोतरी की जानी चाहिए।
पुस्तकालयों में सदस्य बनने के लिए आम लोगों से 200 रुपए सुरक्षा धन लिया जाता है। इस पर पुस्तक इशू रिटर्न के लिए एक पहचान पत्र, पास बुक जारी की जाती है, लेकिन अब तीन-चार सौ रुपए से कम कोई भी पुस्तक लाइब्रेरी में नहीं आती। एक बार में दो पुस्तकें देने का नियम है। ऐसे में 200 रुपए सुरक्षा धन अपने आप में ही हास्यास्पद है। 14 साल से कम के बच्चों के लिए यह 50 रुपए है। इससे बढक़र यह कि दो हफ्ते के बाद पुस्तक न लौटाने पर 50 व 10 पैसे जुर्माना प्रतिदिन की दर, तो अत्यधिक दयनीय व हास्यास्पद है। दो पृष्ठों का आवेदन पत्र नि:शुल्क या एक रुपए का दिया जाता है, जबकि एक फोटो स्टेट के लिए भी तीन चार रुपए का खर्च होता है।
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Gulabi Jagat
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