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शिमला: शिमला के पीटरहॉफ में रविवार को हाटी की नाटी लगी। केंद्र से हाटी को जनजातीय समुदाय का दर्जा मिलने के लिए शिमला के पीटरहॉफ में हाटी समुदाय के लोगों ने एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। सुबह से लेकर हाटी समुदाय की ओर से नाटी का सिलसिला जारी रहा। इस नाटी में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को भी खूब नचाया। इस समारोह में हाटी समुदाय के लोगों द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री का स्वागत अभिनंदन किया गया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अपने भांजे भांजियों द्वारा इस तरह का सम्मान पाकर अभिभूत हूं। कई पीढिय़ों की लंबे संघर्ष के बाद यह दिन आया है। इस संघर्ष को जिस तरह धैर्य और लोकतांत्रिक तरीक़े से चलाया गया, उसके लिए सभी लोग बधाई के पात्र हैं।
उन्होंने कहा कि यह आवश्यक था, इसका लाभ हमारे हाटी भानजे-भानजियों को मिलेगा। इस मौक़े पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने कहा कि जयराम ठाकुर के प्रयासों और केंद्रीय नेतृत्व की वजह से यह दिन आया है। जयराम ठाकुर सिरमौर के मामा हैं। इस बार भानजे पूरा सहयोग देकर सिरमौर में रिकॉर्ड बनाएंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी सभी के कल्याण के लिए संकल्पित है। शिमला के सांसद सुरेश कश्यप ने हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा मिलने पर बधाई दी। जयराम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, सांसद सुरेश कश्यप का भी आभार किया।
पीएम-गृहमंत्री को शुक्रिया कहने जाएंगे दिल्ली
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने हाटी जनजातीय दर्जा देने पर कई सवाल उठा रहे थे और कह रहे थे कि यह आसान नहीं होगा, लेकिन जब यह क़ानून राज्य सभा में आया तो कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े भी इसका विरोध नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का आभार प्रकट करने दिल्ली जाएंगे। नेता प्रतिपक्ष ने हाटी समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि जल्दी ही आपका मामा सिरमौर भी आएगा। इस मौक़े ऊपर उनके साथ हाटी संघर्ष समिति के लोगों के साथ शिमला के सांसद सुरेश कश्यप, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल, पावंटा के विधायक सुखराम चौधरी, पच्छाद से रीना कश्यप आदि उपस्थित रहे।
हमने निभाया वादा, अब भानजे-भानजियों की बारी
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस लड़ाई को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बलदेव तोमर इस बार बहुत थोड़े अंतराल से विधान सभा पहुंचने से चूक गये। यदि सिरमौर ने पूरा-पूरा साथ दिया होता तो आज प्रदेश की राजनैतिक स्थितियां भी कुछ और होती। उन्होंने कहा कि यह भावनात्मक मसला था, इसे राजनीतिक लाभ हानि के हिसाब से हम नहीं देखते हैं। हमने अपना वादा निभा दिया है और अब हमारे भानजे-भानजियों की बारी है। उन्होंने कहा कि यह पीढिय़ों की लड़ाई थी और यह क़ानून भी पीढिय़ों के लिए है।