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हिमाचल प्रदेश
आबकारी विभाग के दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणू कार्यालय ने बैंक को दिए निर्देश
Gulabi Jagat
16 Oct 2022 7:14 AM GMT
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सोलन:
राज्य कर व आबकारी विभाग के दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणू कार्यालय द्वारा एक बैंक को 70 करोड़ कर, ब्याज व जुर्माना राशि 90 दिन के भीतर सरकारी खजाने में जमा करने के आदेश जारी किए हैं। यह मामला इनपुट टैक्स क्रेडिट वापसी का है। जानकारी अनुसार यह मामला इंटेलीजेंस टूल्स के जरिए विभाग के संज्ञान में अप्रैल, 2022 में आया व जीएसटी नियमानुसार नोटिस प्रक्रिया के माध्यम से मामले में कार्रवाई अमल में लाई गई। तदोपरांत अंतिम आदेश बैंक के विरुद्ध पारित किए गए। दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणू के संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने बताया कि बैंक द्वारा जीएसटी अधिनियम की धारा 17 के तहत बनाए गए नियमों की अवहेलना की जा रही थी, जो कि वर्ष 2017 से लेकर 2022 तक ये अनियमितताएं बरती गईं। बैंक द्वारा प्रत्येक वर्ष में तय नियमों के तहत अपनी शाखाओं से की गई खरीद पर इनपुट टैक्स क्रेडिट वापिस करने में चूक हुई है, जिसे समय रहते जीएसटी नियमों के तहत बैंक द्वारा की गई कर मुक्त आपूर्ति पर अनुपात में किया जाना अपेक्षित था। इस मामले को छह माह की कार्रवाई के बाद अंतिम आदेश जारी किए गए।
इस मामले को निपटाने में विभागीय राज्य कर अधिकारी गुरबचन सिंह, शशिकांत शर्मा बतौर मुख्य जांच अधिकारी (आईओ) के अलावा सहायक आयुक्त अश्वनी शर्मा, कर अधिकारी मनोज सचदेवा, ध्यान सिंह व रीमा सूद का योगदान रहा, जिन्होंने विभाग के राजस्व पक्ष को अधिनिर्णय कार्रवाई में प्रमुखता से रखा। दूसरी ओर बैंक के बचाव पक्ष में आए वकील ने इसे विवादित इशू तो माना और अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इसमें जीएसटी में कोई स्पष्टता नहीं है। इसके अलावा इस तरह के मामले में कोई उच्चतम न्यायालय या अप्पेल्ट अथॉरिटी द्वारा कोई सर्कुलर या किसी भी तरह की स्पष्टता प्रस्तुत नहीं कर पाए और न ही विस्तृत जांच में इस प्रकार का कोई प्रावधान जीएसटी अधिनियम के तहत अभी तक बैंक के पक्ष में विभाग के संज्ञान में आया है। वहीं विभाग के सयुंक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि बैंक द्वारा जीएसटी की धारा 17 के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट के नियमानुसार वापस न करने पर 70 करोड़ का जुर्माना सरकारी खजाने में जमा करने के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि ऐसी ही कार्रवाई अन्य बैंकों पर भी अमल में लाई जा रही है, जिसका खुलासा भविष्य में किया जाएगा।
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Gulabi Jagat
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