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चिनाब में 36, रावी में 54 और सतलुज बेसिन में 27 फीसदी घटी बर्फ की चादर
हिमाचल: जलवायु परिवर्तन के कारण मैदानी क्षेत्रों की तुलना में पहाड़ी क्षेत्रों में तापमान में वृद्धि के कारण ग्लेशियर पिघल रहे हैं। बर्फबारी का पैटर्न भी बदल गया है। बर्फबारी के ट्रेंड की मैपिंग से यह बात सामने आई है। हिमाचल प्रदेश में चिनाब में 36%, रावी में 54% और सतलुज बेसिन में 27% बर्फ की कमी हुई है। हिमाचल प्रदेश काउंसिल फॉर स्टेट टेक्नोलॉजी एंड एनवायरनमेंट के तहत काम कर रहे स्टेट सेंटर ऑफ क्लाइमेट चेंज द्वारा किए गए आकलन में यह बात सामने आई है। हिमाचल में अक्टूबर से अप्रैल तक होने वाली बर्फबारी के रुझान को स्टेट सेंटर ऑन क्लाइमेट चेंज द्वारा मैप किया गया है। यह मैपिंग AWIFS सैटेलाइट के जरिए राज्य की विभिन्न नदियों, घाटियों में की गई है। इनमें चंद्रा, भागा, म्याड, ब्यास, पार्वती, जीवा, पिन, स्पीति और बसपा नदियाँ और घाटियाँ शामिल हैं। इन पर किए गए आकलन के अनुसार वर्ष 2022-23 में अक्टूबर के दौरान वर्ष 2021-22 की तुलना में चिनाब बेसिन के हिमाच्छादन में 36 प्रतिशत, रावी बेसिन में 54 प्रतिशत की गिरावट आई है। सतलुज बेसिन में 27 प्रतिशत।
हालांकि, ब्यास बेसिन के हिमाच्छादन में तीन प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई है। नवंबर में चिनाब बेसिन में 2021-22 की तुलना में 2022-23 में पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ब्यास घाटी में 21 प्रतिशत, रावी में तीन और सतलज बेसिन में 22 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। दिसंबर में सतलज बेसिन में 56 फीसदी और चिनाब घाटी में 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। जनवरी में चिनाब घाटी में पांच फीसदी, ब्यास में 16 फीसदी, रावी में तीन फीसदी और सतलज में 38 फीसदी बर्फ की कमी हुई है। इसी तरह, फरवरी में चिनाब बेसिन में 4 प्रतिशत, ब्यास बेसिन में 13 प्रतिशत और सतलुज बेसिन में 17 प्रतिशत की गिरावट आई है। ऐसा ही ट्रेंड मार्च में भी देखने को मिला है। मार्च में चिनाब बेसिन में दो प्रतिशत, ब्यास घाटी में पांच प्रतिशत, रावी घाटी में सात प्रतिशत और सतलज बेसिन में चार प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
हैरानी की बात यह है कि इस साल सर्दियों की तुलना में गर्मियों की शुरुआत में बर्फ के आवरण में वृद्धि हुई है। वर्ष 2021-22 की तुलना में 2022-23 में अप्रैल के हिमपात के पैटर्न में बदलाव आया है। अप्रैल में हिमावरण क्षेत्र में पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि हुई है। इस दौरान चिनाब बेसिन में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ब्यास बेसिन में 39 प्रतिशत, रावी बेसिन में 54 प्रतिशत और सतलज बेसिन में 29 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।