हिमाचल प्रदेश

शिमला: एशिया के पहले फॉसिल पार्क की दूरी होने वाली हैं कम, मारकंडा नदी पर बनने वाले हैं तीन नए पुल

Admin Delhi 1
17 April 2022 11:45 AM GMT
शिमला: एशिया के पहले फॉसिल पार्क की दूरी होने वाली हैं कम, मारकंडा नदी पर बनने वाले हैं तीन नए पुल
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हिमाचल प्रदेश: नाहन विधानसभा क्षेत्र में मारकंडा नदी पर तीन और नए पुलों का जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा। इन तीनों पुलों के निर्माण के बाद मारकंडा नदी पर पुलों की कुल संख्या नौ पहुंच जाएगी। यही नहीं मोगीनंद क्षेत्र में बनने वाले पुल से एशिया के पहले फॉसिल पार्क सुकेती के लिए भी करीब सात किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी। दरअसल दशकों से पुल सुविधा से जुडऩे की आस लगाए बैठे ग्रामीणों का इंतजार अब जल्द खत्म होगा। शंभूवाला में जहां दो पुलों का निर्माण होगा, तो वहीं एक अन्य तीसरा पुल औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब से सटे मोगीनंद क्षेत्र में मारकंडा नदी पर प्रस्तावित है। इस पर सीआरआईएफ के तहत करीब 27 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होगी। लोक निर्माण विभाग नाहन के एक्सईएन वीके अग्रवाल ने बताया कि नाहन विधानसभा क्षेत्र में सीआरआईएफ के तहत तीन नए पुलों का निर्माण मारकंडा नदी पर किया जाएगा। पुलों के निर्माण के टैंडर आबंटित किए गए है। जल्द ही इनका निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुल बनने से जहां कई किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी, तो वहीं बरसात के दौरान ग्रामीणों को होने वाली दिक्कतों से भी निजात मिलेगी। अग्रवाल के मुताबिक शंभूवाला पंचायत में एक ही संपर्क सड़क पर 80 मीटर व 27.60 मीटर लंबे दो पुल बनेंगे। एनएच से करीब 300 मीटर की दूरी पर 80 मीटर लंबा पुल बनेगा। इसके बाद 70 फीट हिस्सा छोड़कर गुरूद्वारा साहिब से मकड़वाली के लिए सूखा खाला पर दूसरा पुल बनेगा। इन पुलों के निर्माण पर 16.62 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पुल निर्माण के शंभुवाला सहित मकड़वाली, कून, नेहरला व बंदीवाला क्षेत्र की करीब चार हजार की जनसंख्या को सीधा लाभ मिलेगा।

एक्सईएन ने बताया कि इसी प्रकार कालाअंब से सटे मोगीनंद क्षेत्र से सुकेती के लिए भी 60 मीटर लंबे पुल का निर्माण किया जाएगा। मारकंडा नदी पर बनने वाले इस पुल पर 10.07 करोड़ रुपयेे खर्च होंगे। पुल निर्माण से सुकेती के लिए सात किलोमीटर की दूरी कम होगी। अभी वाहन चालकों व स्कूली बच्चों को कालाअंब होते हुए मोगीनंद व नागल सुकैती के लिए सफर करना पड़ रहा है। पुल से इस क्षेत्र की करीब पांच हजार जनसंख्या सीधे तौर पर लाभांवित होगी।

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