हिमाचल प्रदेश

शिमला: प्रदेश में अब तक 807 चुने विधायकों में महिलाओं के हिस्से मात्र 38 बार आई कुर्सी

Gulabi Jagat
29 Oct 2022 10:13 AM GMT
शिमला: प्रदेश में अब तक 807 चुने विधायकों में महिलाओं के हिस्से मात्र 38 बार आई कुर्सी
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धर्मशाला, शिमला
हिमाचल प्रदेश विश्व में भी अपनी विशेष पहचान रखता है, लेकिन आजादी के 75वें वर्ष तक लोकतंत्र के पर्व में हिमाचल की नारी शक्ति की हिस्सेदारी बहुत कम है। ऐसे में विधानसभा चुनावों में उनकी जीत का प्रतिशत भी कम ही रहा है। पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में महिला विधायकों का जीत प्रतिशत मात्र पांच फीसदी है, जो कि राष्ट्रीय जीत प्रतिशत सात के मुकाबले काफी कम है। वहीं, हिमाचल प्रदेश में अब तक चुने गए राज्य के कुल 807 विधायकों में महिलाओं के हिस्से मात्र 38 बार ही विधायक की कुर्सी आई है। हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में कई बार भाजपा ने अधिक महिला उम्मीदवार उतारे, लेकिन अधिक सफलता हाथ नहीं लग पाई, जबकि 1985 के बाद कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ी कोई न कोई महिला विधायक बनकर विधानसभा जरूर पहुंची है। हालांकि ओवरऑल हिमाचल में मात्र पांच फीसदी हिस्सेदारी पर ही महिलाएं सिमट कर रह गई है। हिमाचल में विधानपालिका में महिलाओं की भागीदारी की शुरुआत वर्ष 1967 को दूसरी विधानसभा चुनावों में हुई थी। इसमें कुल 267 उम्मीदवारों में से दो महिलाओं ने भी चुनावी मैदान में हुंकार भरी थी, जिसमें दोनों ही महिलाओं को हार का सामना करना पड़ा। हालांकि तीसरे विधानसभा चुनावों में 1972 में राज्य को पहली महिला विधायक के रूप में विद्या स्टोक्स ने जीत दर्ज कर इतिहास रचा था।
इस दौरान चार विधायक विधानसभा पहुंची थीं। 2017 में कुल 19 महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था, जिसमें मात्र चार ही चुनकर विधानसभा पहुंचीं, इसमें एक 2019 के उपचुनाव में महिला विजेता रही है। साल 1972 में विभिन्न पार्टियों से कुल सात महिला प्रत्याशी मैदान में थीं, जिसमें चार सीटों पर महिलाओं ने कब्जा किया और चारों सीटें कांग्रेस की झोली में गई। वहीं, वर्ष 1982 में भी तीन सीटों पर महिलाओं ने जीत दर्ज की और इसमें दो सीटों पर कांग्रेस महिला उम्मीदवारों ने कब्जा जमाया था। वहीं, साल 1993 में तीन महिला सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा किया, बाकि किसी अन्य पार्टी की महिला अपनी जीत दर्ज नहीं करवा सकी। वर्ष 1998 में 25 महिला उम्मीदवार मैदान में थे और इनमें पांच सीटों ने महिलाओं ने कब्जा किया था, जिसमें पांच कांग्रेस की झोली में, जबकि एक भाजपा के खाते में सीट गई थी। इसी तरह साल 2012 में भी कुल 34 महिलाएं मैदान में थीं, जिसमें केवल तीन सीटों पर ही महिलाओं ने जीत दर्ज की। इनमें दो कांग्रेस, जबकि एक सीट भाजपा के खाते में आई। वहीं, हिमाचल प्रदेश में वर्ष 1967 से लेकर अब तक मात्र 201 महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़े हैं, जिसमें 88 उम्मीदवार भाजपा व कांग्रेस की सीटों से मैदान में उतरे हैं, जबकि 113 आजाद व अन्य पार्टियों से मैदान में उतरे हैं। इसमें कुल 38 ही चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंची हैं। इनमें 35 उम्मीदवार कांग्रेस-भाजपा से जीती हैं, जबकि जनता पार्टी से नाहन से श्यामा शर्मा तीन बार विधानसभा पहुंचीं। (एचडीएम)
दो महिला नेत्रियों के नाम रिकॉर्ड
साल 1972 में जब पहली बार हिमाचल की 68 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हुआ, तो उस समय पहली बार चार महिला प्रत्याशी विधानसभा पहुंची थीं। वहीं, अब तक सबसे ज्यादा बार विधायक बनने का रिकॉर्ड दो महिला कांग्रेसी नेत्रियों के नाम है। इसमें कांग्रेस के टिकट पर ही आशा कुमारी डलहौजी विधानसभा सीट से अब तक छह बार विधायक चुनी जा चुकी हैं। वह 1985, 1993, 1998, 2003, 2012 और 2017 में विधायक चुनी गईं। इसके अलावा कांग्रेस की दिग्गज नेता विद्या स्टोक्स आठ बार विधायक चुनी जा चुकी है।
1967 से 2017 तक महिला विधायक
वर्ष प्रत्याशी जीतीं
1967 2 00
1972 7 4
1977 9 1
1982 9 3
1985 10 3
1990 18 4
1993 15 3
1998 25 6
2003 31 4
2007 22 3
2012 34 3
2017 19 4
जीत मार्जिन भी प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले कम
वर्ष पार्टी पुरुष महिला
2012 कांग्रेस 13.6 11.8
भाजपा 8.7 5.9
2017 कांग्रेस 6.9 1.1
भाजपा 12 8.6
इस बार भाजपा-कांग्रेस की कितनी प्रत्याशी
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 मौजूदा चुनावी रण में भी भाजपा व कांग्रेस ने महिलाओं पर दांव खेला है। जिसमें भाजपा की ओर से पांच और कांग्रे्रस से इस बार मात्र तीन महिलाओं को टिकट दिया गया है। अन्य दलों व आजाद महिलाएं भी मैदान में है।
Gulabi Jagat

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