हिमाचल प्रदेश

अंतरराष्ट्रीय भाषाओं का बांट रही ज्ञान…माधवी सिंह ने रूचि को कैरियर में बदला

Gulabi Jagat
26 Jan 2023 5:07 PM GMT
अंतरराष्ट्रीय भाषाओं का बांट रही ज्ञान…माधवी सिंह ने रूचि को कैरियर में बदला
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नाहन, 26 जनवरी : हिमाचल प्रदेश के नाहन कस्बे में युवा खासकर बेटियां अपनी रूचि को कैरियर में बदलने की शानदार कोशिश में लगी हैं। इस श्रृंखला में एक नाम माधवी का भी जुड़ा हैै। करीब 24 साल की माधवी सिंह ने बहुभाषीय (multilingual) प्लेटफार्म तैयार किया है। इसे फोनेटिक्स प्रो (Phonetics Pro) का नाम दिया है।
रुसी भाषा की ऑनलाइन क्लास लेते माधवी
गौरतलब है कि हाल ही में एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने विदुषी पोखरियाल के समाचार को भी पाठकों से साझा किया था। विदुषी ने भी अपने जुनून को कैरियर में तब्दील करने का प्रयास किया है।
छोटे से पहाड़ी प्रदेश में बैठकर माधवी ने इस प्लेटफार्म के तहत दुनिया भर में ऑनलाइन ही 8 भाषाओं का ज्ञान प्रदान करने की कोशिश की है। शुरूआती चरण में माधवी को सफलता भी हासिल हो रही है।
खास बात ये है कि माधवी ने खुद ही रूसी भाषा (Russian language) में महारत हासिल की हुई है, इसकी दीक्षा वो खुद देती हैं, जबकि चाईनीज, जापानी, इटालियन व अरबी आदि की टीचिंग के लिए ऑनलाइन ही टीचर्स का नेटवर्क भी तैयार किया है। चूंकि माधवी अंग्रेजी भाषा का भी सही तरीके से ज्ञान रखती है, इस कारण अन्य भाषा के लोगों से संवाद आसानी से स्थापित कर लेती है।
फोनेटिक्स प्रो की को फाउंडर माधवी सिंह एक एंकर भी हैं। दरअसल, माधवी को बचपन से ही अलग-अलग भाषाओं को सीखने का शौक रहा। व्यक्तिगत तौर पर रूसी भाषा में महारत हासिल कर ऐसा मंच तैयार कर लिया, जिससे वो न केवल स्वावलंबी बनने की कोशिश कर रही है, बल्कि अलग-अलग भाषाओं को सीखने के शौक को भी मुकाम की तरफ ले जा रही है। इस कोशिश में माधवी को पति राहुल चुग का भी पूरा सहयोग मिल रहा है।
खास ये भी है कि प्रोफेशनल डिग्री हासिल कर रहे स्टूडेंट्स विदेशी भाषा का ज्ञान ऑनलाइन हासिल कर सकते हैं। माधवी ने पंजाब विश्वविद्यालय (Panjab University) से रूसी भाषा की शिक्षा भी ग्रहण की हुई है। धीरे-धीरे तजुर्बे से रूसी भाषा पर पकड़ बनाने में सफल हो गई है।
ये खास….
बातचीत में माधवी सिंह ने कहा कि फॉरन लैंग्वेज (foreign language) को सीखने की कोई उम्र नहीं होती। उन्होंने एक अनुभव को शेयर करते हुए बताया कि दक्षिण भारत की चार साल की बच्ची भी क्लास ले रही है। साथ ही बताया कि 55 साल तक के लोग भी ऑनलाइन जुड़कर विदेशी भाषा सीख रहे हैं।
एक सवाल के जवाब में माधवी ने कहा कि अलग-अलग भाषाओं की टीचिंग के लिए टीचर्स का एक नेटवर्क तैयार किया गया है। इसमें अधिकतर उन देशों से ही टीचर लिए गए हैं, जिस देश की भाषा को सिखाया जाना होता है।
उन्होंने कहा कि पहाड़ के छोटे शहरों में अभिभावकों को इस बात का अंदाजा नहीं है कि बेहद ही कम फीस में बच्चों को घर बैठकर विदेशी भाषा का ज्ञान दिलवाया जा सकता है। माधवी ने कहा कि जल्द ही वो ऑफ़लाइन कक्षाओं के लिए भी प्रयासरत हैं, ताकि वन-टू-वन भी अपने शहर के बच्चों के साथ-साथ अन्य वर्गों के लोगों को भी सुविधा दी जा सके।
माधवी सिंह को मोबाइल नंबर 94181-16272 व 86278-30990 के अलावा ई मेल[email protected] पर भी संपर्क किया जा सकता है।
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