हिमाचल प्रदेश

हिमाचल और उत्तराखंड सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

Shantanu Roy
20 Nov 2021 8:37 AM GMT
हिमाचल और उत्तराखंड सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
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जातिगत आरक्षण(caste reservation) समाप्त करने की मांग को लेकर हिमाचल प्रदेश के विभिन्न सवर्ण जाति से जुड़े संगठनों ने देहरादून के घंटाघर(clock tower in dehradun) पर पहुंचकर प्रदर्शन किया.

जनता से रिश्ता। जातिगत आरक्षण(caste reservation) समाप्त करने की मांग को लेकर हिमाचल प्रदेश के विभिन्न सवर्ण जाति से जुड़े संगठनों ने देहरादून के घंटाघर(clock tower in dehradun) पर पहुंचकर प्रदर्शन किया. उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी(protest against the government) कर अपना आक्रोश व्यक्त किया. इस दौरान संगठन के प्रतिनिधियों ने सरकार पर सवर्ण समाज की अनदेखी का आरोप लगाया है.देवभूमि क्षेत्र संगठन व देवभूमि सवर्ण मोर्चा(devbhoomi kshetra organization and devbhoomi savarna morcha) के बैनर तले हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला(capital shimla) से सांकेतिक पुतले की शव यात्रा निकाली गई. इस शव यात्रा को सवर्ण समाज अधिकार पदयात्रा का नाम दिया गया. संगठन से जुड़े सदस्य 800 किलोमीटर की पैदल यात्रा करके देहरादून पहुंचे. यह यात्रा शिमला से सोलन(shimla to solan) और जिला सिरमौर(district sirmour) के पांवटा साहिब से होते हुए देहरादून के घंटाघर पहुंची. जहां प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी कर अपना विरोध प्रकट किया है.

इस दौरान संगठन के प्रतिनिधियों ने सरकार पर आरोप लगाए कि हिमाचल प्रदेश सरकार(himachal pradesh government) और केंद्र सरकार(central government) ने 70 साल में सवर्णों की अनदेखी किया है और युवाओं का शोषण करने के साथ ही किसानों के साथ भेदभाव किया है. इसके विरोध में सवर्ण समाज लगातार हिमाचल प्रदेश में बीते काफी सालों से सवर्ण आयोग बनाने के लिए निरंतर आंदोलन कर रहा है. लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है.
वहीं, हिमाचल के देवभूमि सवर्ण समाज(devbhoomi savarna samaj) के प्रदेश अध्यक्ष मदन ठाकुर(madan thakur) ने सरकार पर सवर्ण समाज(savarna samaj) के अनदेखी का आरोप लगाया है. इसके साथ ही देवभूमि सवर्ण मोर्चा(devbhoomi savarna samaj) के प्रदेश अध्यक्ष रोहित सिंह ठाकुर(rohit singh thakur) ने भी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार(himachal pradesh government) ने 3 महीने का समय लिया और कहा था कि 3 माह के भीतर सवर्ण आयोग का गठन हो जाएगा. लेकिन न तो हिमाचल प्रदेश और न ही उत्तराखंड(uttarakhand state government) में सवर्ण आयोग का गठन हो पाया है. ऐसे में तमाम संगठन हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में सवर्ण आयोग बनाने के लिए लगातार आंदोलनरत हैं.


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