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हिमाचल प्रदेश
शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए हिमाचल के दो टीजीटी शिक्षकों का राष्ट्रीय शिक्षक अवार्ड के लिए चयन
Renuka Sahu
26 Aug 2022 2:12 AM GMT
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फाइल फोटो
शिमला के धरोगड़ा में टीजीटी वीरेंद्र कुमार और चंबा के अनोगा में कार्यरत युद्धवीर टंडन का चयन.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शिमला के धरोगड़ा में टीजीटी वीरेंद्र कुमार और चंबा के अनोगा में कार्यरत युद्धवीर टंडन का चयन.
वीरेंद्र कुमार
नियुक्ति : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धरोगड़ा, शिमला
खास : पढ़ाने के साथ बच्चों की लिखावट को सुधारने का काम, अब तक 90 हजार बच्चों की लिखावट सुधार चुके हैं। 250 मास्टर ट्रेनर किए तैयार। पढ़ाई को रोचक बनाने के लिए लिखीं चार किताबें।
युद्धवीर टंडन
नियुक्ति : राजकीय प्राथमिक पाठशाला अनोगा, चंबा
खास : शैक्षिक नवाचार में विशेष दक्षता, बच्चों में स्वच्छता की आदत विकसित करने के लिए सम्मानित, अपने विद्यालय को बनाया आदर्श, स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार दिलाया, बीस से ज्यादा वीडियो दीक्षा पोर्टल पर।
शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए हिमाचल के दो टीजीटी शिक्षकों का राष्ट्रीय शिक्षक अवार्ड के लिए चयन हुआ है। शिक्षा विभाग ने केंद्र को इस अवार्ड के लिए तीन नाम भेजे थे, जिनमें से दो शिक्षकों के नाम पर मुहर लगी है। इनमें पहला नाम राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धरोगड़ा में टीजीटी के पद पर कार्यरत वीरेंद्र कुमार का है, जबकि दूसरा नाम चंबा की राजकीय प्राथमिक पाठशाला अनोगा में बतौर कनिष्ट बुनियादी अध्यापक कार्यरत युद्धवीर टंडन का है। इन दोनों को पांच सिंतबर को शिक्षक दिवस पर सम्मानित किया जाएगा। शिक्षक वीरेंद्र पढ़ाने के साथ बच्चों की लिखावट को सुधारने का काम भी कर रहे हैं। छुट्टियों में वह शिमला के गेयटी थिएटर में बच्चों को लिखावट सुधारने के लिए कक्षाएं लगाते हैं। चार सालों में वह 90 हजार बच्चों की लिखावट सुधार चुके हैं, जिनमें ओमान, यूएई, यूएसए और यूके छात्र भी शामिल हैं। अब तक उन्होंने प्रदेशभर में 250 के करीब मास्टर ट्रेनर तैयार किए हैं, जो अब बच्चों की लिखावट में सुधार पर कार्य कर रहे हैं। वीरेंद्र ने अध्यापन के साथ चार किताबें भी लिखी हैं। इनमें पढ़ाई को कैसे रोचक बनाया जा सकता है, बताया गया है। दूसरी तरफ युद्धवीर टंडन इससे पहले भी मात्र अढ़ाई वर्ष के अपने शैक्षिक कार्यकाल में राज्य स्तरीय सर्वोच्च शिक्षक सम्मान से सम्मानित किए जा चुके हैं।
अब उन्होंने छह वर्ष के अपने शैक्षिक जीवन में ही देश के सर्वोच्च शिक्षक सम्मान को भी हासिल कर लिया है। शिक्षक युद्धवीर टंडन शैक्षिक नवाचार के पक्षधर हैं। युद्धवीर टंडन के छोटे-छोटे नवाचार जैसे ईमानदारी की दुकान, बाल समाचार पत्रिका नन्हें उस्ताद का प्रकाशन, बाल संसद का गठन, बच्चों में स्वच्छता की आदत को विकसित करने के लिए स्वच्छता कमेटी व स्वस्थ और इनाम पाओ तथा जैसी कम्प्यूटर आधारित शिक्षा, शिक्षा में आईसीटी के प्रयोग को देखते हुए ही इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। शिक्षक युद्धवीर टंडन ने बताया कि उन्होंने अपने विद्यालय को खंड स्तर पर एक आदर्श विद्यालय के रूप में समुदाय के सहयोग से स्थापित करने का प्रयास किया जिसके तहत समग्र शिक्षा के तहत उनके विद्यालय को 20 हजार रुपए का नकद पुरस्कार आदर्श विद्यालय के रूप में दिया गया।
स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार में भी उनका विद्यालय जिला धार में प्राथमिक विद्यालयों की श्रेणी में पहले स्थान पर रहा। कोरोना काल में ही उन्होंने बच्चों के लिए एक बुक भी बनाई, जो हिंदी पर आधारित है और उसमें बच्चों को टेक्स्ट के साथ-साथ वीडियो के माध्यम से भी हिंदी विषय का ज्ञान दिया गया है। इतना ही नहीं श्री टंडन ने कोरोना काल में कक्षा एक से पांच तक के लिए हिंदी विषय की अभ्यास पुस्तिका का भी समग्र शिक्षा के तहत निर्माण किया और जिला चंबा के समग्र शिक्षा सामुदायिक सहभागिता इंटरवेंशन के तहत प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के लिए सामान्य ज्ञान की पुस्तक बाल ज्ञान तरंग का भी संपादन किया। उनके बीस से ज्यादा वीडियो दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध हैं और लगभग 400 के करीब वीडियो उनके यू-ट्यूब चैनल पर उपलब्ध हैं, जिनसे बच्चे लाभान्वित हुए हैं।
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