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ऊना
गोबिंद सागर झील में गत सोमवार को डूबने से हुई सात युवकों की मौत से मंगलवार को भी माहौल गमगीन बना रहा। मृतकों के परिजन भी रोते-बिलखते हुए ऊना पहुंचे, जहां क्षेत्रीय अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपे गए। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। परिजनों ने ऐसा कभी नहीं सोचा होगा कि जिन बच्चों को उन्होंने खुशी-खुशी बाबा के दरबार माथा टेकने के लिए भेजा था वे कफन में वापस घर लौटेंगे। सभी शवों को पंजाब के मोहाली जिला के बनूड़ ले जाने के लिए पंजाब प्रशासन की तरफ से सात एंबुलेंस गाडिय़ां भेजी गई थी। वहीं, दूसरी तरफ इस सनसनीखेज घटना के बाद जिला प्रशासन द्वारा किसी भी व्यक्ति के गोबिंद सागर झील में उतरने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है।
डीसी राघव शर्मा ने इस संबंध में आदेश पारित कर दिए हैं। वहीं, पोस्टमार्टम के दौरान ही सभी मृतक युवकों के परिजनों को जिला प्रशासन की तरफ से तहसीलदार बंगाणा ने फौरी राहत राशि प्रदान की। मृतकों के परिजनों के साथ-साथ कस्बा बनूड़ के वार्ड 11 के पार्षद भजन लाल नंदा भी तमाम लोगों के साथ शवों को ले जाने के लिए पहुंचे थे। पार्षद भजन लाल नंदा ने बताया कि 11 युवक पीर निगाह में माथा टेकने के बाद बाबा बालक नाथ जाने के लिए गोबिंद सागर झील के किनारे मोटर बोट से झील पार करने के प्रयास में थे। इसी दौरान कुछ युवक नाविक से बात करने के लिए गए थे। वहीं, झील के किनारे खड़े युवकों में से एक युवक का पैर फिसलने से वह गोविंद सागर झील में गिरा और उसी को बचाने के चक्कर में चेन बनाकर गोबिंद सागर झील में उतर छह अन्य युवक भी अपनी जान गंवा बैठे। हादसे में जान गंवाने वाले युवक 18 वर्षीय विशाल कुमार के पिता राज कुमार का बुरा हाल था।
Gulabi Jagat
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