हिमाचल प्रदेश

सचिवालय ने उच्च शिक्षा निदेशालय को वापस भेजी नए शेड्यूल की फाइल, छुट्टियों में बदलाव पर आब्जेक्शन

Admin Delhi 1
17 Jun 2022 12:03 PM GMT
सचिवालय ने उच्च शिक्षा निदेशालय को वापस भेजी नए शेड्यूल की फाइल, छुट्टियों में बदलाव पर आब्जेक्शन
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शिमला न्यूज़: राज्य के समर क्लोजिंग स्कूलों में मानसून ब्रेक में बदलाव करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने गर्मी को कारण बताया है। दरअसल हिमाचल शिक्षक महासंघ से आए प्रस्ताव के बाद उच्च शिक्षा निदेशक ने राज्य सरकार को इन छुट्टियों में बदलाव का प्रस्ताव भेजा था। समर क्लोजिंग स्कूलों में मानसून की छुट्टियां सामान्य तौर पर 26 जून से शुरू होती हैं जो 31 जुलाई तक चलती हैं, लेकिन इस बार इन्हें 21 जून से 28 जुलाई तक करने के लिए प्रस्ताव दिया गया है।

इस प्रस्ताव पर अभी राज्य सरकार को फैसला लेना है। इससे पहले ही सचिवालय से यह फाइल एक आपत्ति के साथ उच्च शिक्षा निदेशालय में वापस कर दी गई। इसमें शिक्षा सचिव कार्यालय से पूछा गया कि आखिर मानसून ब्रेक को एक हफ्ता पहले शुरू करने के पीछे क्या कारण है। उच्च शिक्षा निदेशक ने फाइल पर जवाब दिया है कि आजकल ज्यादा गर्मी के कारण बच्चों का स्कूल आना मुश्किल हो रहा है, इसलिए गर्मी से भी राहत इस ब्रेक के कारण मिल जाएगी। इस तर्क को आप पर दो तरह से देख सकते हैं। पहला यह कि गर्मियों से निजात के लिए राज्य सरकार ने पहले से फैसला ले रखा है कि डीसी चाहे तो वह स्कूलों की टाइमिंग में बदलाव कर सकते हैं। दूसरा मानसून ब्रेक गर्मियों से राहत के बजाय बरसात के सीजन के संभावित खतरों से बच्चों को बचाने के लिए होती हैं। इस तरह से शिक्षा विभाग का यह जवाब सही नहीं बैठता।

हालांकि मानसून ब्रेक में बदलाव के प्रस्ताव पर अभी राज्य सरकार को फैसला लेना है और ज्यादा उम्मीद यह है कि इस बारे में फैसला हो सकता है। उच्च शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत शर्मा ने बताया कि सचिवालय से एक आपत्ति फाइल पर आई थी जिसका जवाब दे दिया गया है। यदि 21 जून से छुट्टियां करनी होंगी, तो फैसला भी जल्दी हो जाएगा। अभी शिक्षा सचिव डा. रजनीश चीफ सेक्रेटरी कॉन्फ्रेंस के लिए धर्मशाला में हैं और उनके वापस लौटने का इंतजार है। इससे पहले फैसला तभी संभव है, जब शिक्षा मंत्री ही फोन पर इस बारे में निर्देश दे दें। हालांकि शिक्षकों में इन छुट्टियों को लेकर कोई डिमांड नहीं है न ही किसी अन्य शिक्षक संगठन ने इस बारे में सरकार के सामने मांग रखी है। शिक्षक इससे उलट यह डिमांड कर रहे हैं कि अब बोर्ड कक्षाओं का सिलेबस दो टर्म के बीच में विभाजित होने के बाद छुट्टियों को भी उसी तरह से बनाना चाहिए, जिससे दोनों टर्म में बराबर अवकाश मिल जाए।

छुट्टियां बदलने की यह है असली वजह': शिक्षा निदेशालय से लेकर सचिवालय तक यह चर्चा है कि आखिर छुट्टियों में बदलाव करवाने के लिए दबाव क्यों डाला जा रहा है। इसके पीछे बेशक उच्च शिक्षा निदेशक ने कारण कुछ और गिनाया हो, लेकिन असल वजह यह है कि शिक्षक महासंघ को भारत सरकार से ही आजादी का अमृत महोत्सव श्रृंखला के तहत कुछ कार्यक्रम मिले हैं, जिसमें संवाद और ट्रेनिंग भी शामिल है। शिक्षक महासंघ दरअसल इस सारे कार्यक्रम को इन छुट्टियों की ब्रेक में पूरा करना चाहता है।

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