हिमाचल प्रदेश

पायलट वर्कशॉप में स्कूल के छात्र-छात्राओं को रोबोट्स बनाना और कोडिंग करना सिखाया गया

Shantanu Roy
4 Dec 2021 12:04 PM GMT
पायलट वर्कशॉप में स्कूल के छात्र-छात्राओं को रोबोट्स बनाना और कोडिंग करना सिखाया गया
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जिला कुल्लू के मुख्यालय सिथत सुल्तानपुर स्कूल (Sultanpur School of Kullu) में बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Pilot workshop on Robotics) जैसे आधुनिक विषयों के बारे में जानकारी दी गई.

जनता से रिश्ता। जिला कुल्लू के मुख्यालय सिथत सुल्तानपुर स्कूल (Sultanpur School of Kullu) में बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Pilot workshop on Robotics) जैसे आधुनिक विषयों के बारे में जानकारी दी गई. वहीं, बच्चों ने भी वर्कशॉप में गहरी रुचि दिखाई. इस अवसर पर स्कूल के प्रिंसिपल प्रेम ठाकुर ने बताया कि ये बहुत अच्छी पहल है जो समग्र शिक्षा और हिमाचल सरकार (Samagra Shiksha Abhiyan of Himachal) द्वारा की गई है. इस वर्कशॉप से बच्चों को रोबोटिक्स और कोडिंग (Workshop on Robotics, Coding and Artificial Intelligence) के बारे में अहम ज्ञान प्राप्त हुआ.

प्रिंसिपल का ये भी मानना है कि इस तरह की वर्कशॉप और विषय हर स्कूल में अनिवार्य होने चाहिए, ताकि हिमाचल के बच्चों को रोबोटिक्स, कोडिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Robotics, Coding and Artificial Intelligence) में भरपूर ज्ञान प्राप्त हो और भविष्य में बच्चों को बेहतर रोजगार के अवसर मिल सके.
सुल्तानपुर स्कूल के प्रधानाचार्य प्रेम ठाकुर (sultanpur school principal prem thakur) ने कहा कि रोबोटिक्स एवं कोडिंग के माध्यम से सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को अत्याधुनिक शिक्षा प्राप्त होगी. जो उनके मानसिक स्तर को बढ़ाएगा एवं उनको जीवन में अत्याधुनिक क्षेत्रों में उद्यमी एवं रोजगार के अवसर प्रदान करेगा. इस पायलट वर्कशॉप के होने के बाद स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं कोडिंग (artificial intelligence and coding workshop) को लाने एवं लागू करने के लिए समग्र शिक्षा के द्वारा प्रोजेक्ट रिपोर्ट स्वीकृति के लिए भारत सरकार को भेजी जाएगी.
गौर रहे कि पायलट वर्कशॉप हिमांचल के कुल्लू जिले से संबंध रखने वाले युवा उद्यमी शरद खन्ना (Entrepreneur Sharad Khanna) द्वारा अयोजित की गई. इस दौरान शरद खन्ना ने बताया कि वे अपनी टीम के साथ भारत और ऑस्ट्रेलिया में भी रोबोटिक्स ग्लोबल नामक संस्था चलाते हैं और पिछले 10 वर्ष से रोबोटिक्स कोडिंग और एआई जैसे विषयों में रिसर्च कर रहे हैं. हिमाचल में भी वे स्कूली छात्रों को रोबोटिक कोडिंग के विषयों से अवगत करवा रहे हैं.


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