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हिमाचल प्रदेश
स्कूल मुखियाओं पर गिरेगी गाज, स्कूलों में नहीं लगी बायोमीट्रिक मशीनें
Gulabi Jagat
2 Jan 2023 1:13 PM GMT
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शिमला
आदेशों के बाद भी स्कूलों में बायोमीट्रिक मशीनें न लगाने पर शिक्षा विभाग अब सख्त कारवाई करेगा। स्कूल मुखियाओं पर इसकी गाज गिरेगी। दरअसल प्रदेश के कुछ स्कूल ऐसे हैं, जहां अभी भी ये मशीनें नहीं लगी हैं। 20 फीसदी स्कूलों में या तो मशीनें खराब पड़ी हैं या फिर लगाई ही नहीं गई हैं। जिन स्कूलों में मशीनें खराब हो चुकी हैं, वहां के लिए नई मशीनें खरीदने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन स्कूलों ने इसका स्टेटस भी नहीं भेजा है। स्कूलों को यह खरीद अपने स्तर पर करनी होगी। मशीनों के लिए अगर बजट कम पड़ता है, तो शिक्षा विभाग में इसकी लिखित मांग की जा सकेगी। स्कूलों में बायोमीट्रिक मशीनें खराब हालत में हैं। इनमें से अधिकतर रिपेयर करने की हालत में भी नहीं हैं। शिक्षा निदेशालय से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि मशीनों को नियमित तौर चार्ज करने को कहा गया था, लेकिन कोरोना काल में मशीनों का इस्तेमाल नहीं हुआ और न ही इनके रखरखाव को लेकर किसी ने दिलचस्पी दिखाई। इस कारण अधिकतर मशीनें खराब हालत में हैं।
निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि अगर किसी स्कूल में मशीनें रिपेयर करने लायक बची हैं, तो तुरंत करवाएं। वहीं, जहां नई की दरकार है, वहां उसकी खरीद हो। किसी भी अध्यापक या स्टाफ की हाजिरी तभी रजिस्टर पर लगेगी, अगर मशीन में उसकी हाजिरी तकनीकी कारणों से नहीं हो पा रही हो। कोरोना काल के कुछ महीने पहले सरकारी स्कूलों में हाजिरी का रिकॉर्ड रखने के लिए बायोमीट्रिक मशीनें लगाई गई थीं, लेकिन संमण बढऩे के बाद मशीनों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी गई। लंबे समय तक स्कूल बंद रहे, तो मशीन धीरे-धीरे खराब हो गईं। हाई कोर्ट की ओर से स्कूलों में हाजिरी मशीनों से लगाने के आदेश दिए गए हैं। ऐसे में शिक्षा निदेशालय ने इसको लेकर दोबारा से सख्ती दिखाई है। नई मशीनें खरीदने और पुरानी की रिपेयर करवाने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन इसके लिए वे कहा जाएं इसकी कोई जानकारी नहीं है। मशीनों को लेकर कोई अलग से बजट का प्रावधान नहीं किया गया और न ही अध्यापकों व स्टाफ को मशीनों के रखरखाव से जुड़ी कोई ट्रेनिंग मिली है।
Gulabi Jagat
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