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सोलन। हिमाचल में बन रही दवाओं की गुणवत्ता कटघरे में हैं। 4 महीने में ही प्रदेश में बनी 67 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। देश में कुल 239 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। इसमें करीब 30 फीसदी दवाएं हिमाचल की हैं।प्रदेश में सबसे अधिक दवाओं का उत्पादन बी.बी.एन. में होता है। जनवरी से अप्रैल तक जिन 67 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं उनमें सबसे अधिक संख्या बी.बी.एन. में स्थापित उद्योगों की है। इसमें कई ऐसे उद्योग हैं जिनकी दवाओं के सैंपल बार-बार फेल हो रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि राज्य ड्रग विभाग की कार्रवाई कारण बताओ नोटिस से आगे नहीं बढ़ी है। पिछले एक वर्ष के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो 22 ऐसे उद्योग हैं जिनकी दवाओं के सैंपल बार-बार फेल हुए हैं। इसमें आधा दर्जन से अधिक ऐसे उद्योग हैं जिनके 3 से 4 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। ऐसे भी उद्योग हैं जिनकी दवाओं के पिछले कई वर्षों से हर वर्ष एक नहीं बल्कि दो या तीन बार सैंपल फेल हो रहे हैं। नवम्बर 2022 में ही बद्दी में नकली दवाएं बनाने वाले एक उद्योग का भंडाफोड़ हुआ था, जहां पर नामी दवा कंपनियों के नाम पर नकली दवाएं बनाई जा रही थी। केन्द्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सी.डी.एस.सी.ओ.) की ओर से जारी ड्रग अलर्ट के अनुसार जनवरी माह में देश में कुल 70 दवाओं के सैंपल हुए। इसमें हिमाचल की दवाओं की संख्या 27 है। फरवरी में देश में 67 दवाओं के सैंपल फेल हुए जिसमें प्रदेश की दवाओं की संख्या 16 है।
मार्च में 59 दवाओं के सैंपल हुए हैं, जिसमें हिमाचल की 11 दवाएं हैं। इसी तरह अप्रैल माह में देश में 43 दवाओं के सैंपल फेल हुए जिसमें हिमाचल की दवाओं की संख्या 13 है। यही वजह है कि स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने प्रदेश में दवाओं के फेल हो रहे सैंपल का कड़ा संज्ञान लिया है। उन्होंने उन फार्मा उद्योगों को कड़ी चेतावनी दी है जिन उद्योगों के बार-बार सैंपल फेल हो रहे हैं। इन उद्योगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि जिन उद्योगों की दवाओं के सैंपल फेल हो रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। ऐसे उद्योगों के उत्पादन लाइसैंस भी निलङ्क्षबत किए गए हैं। दवा निरीक्षक ऐसे उद्योगों में मौके पर जाकर कार्रवाई कर रहे हैं। देश में दवाओं से लेकर वैक्सीन तक सैंपल फेल हुए हैं। कोरोना सहित 2 अन्य वैक्सीन के सैंपल फेल हुए हैं। सी.डी.एल. कसौली में जांच के लिए आए कोरोना वैक्सीन, टायफाइन व मैङ्क्षनगोकोकल पॉलीसेकेराइड वैक्सीन का भी सैंपल फेल हुआ है। हालांकि इन सभी वैक्सीन का हिमाचल में उत्पादन नहीं होता लेकिन देश में तैयार हो रही वैक्सीन के सैंपल की जांच सी.डी.एल. कसौली में की जाती है। पिछले 3 वर्ष के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो कोरोना वैक्सीन के अभी तक 6 सैंपल फेल हो चुके हैं। वर्ष 2021 में कोरोना वैक्सीन के 2 सैंपल फेल हुए थे। वर्ष 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 3 हो गया। कोरोना के 3 वैक्सीन के साथ रोटा वायरस का भी एक सैंपल फेल हुआ था। वर्ष 2023 में अभी तक कोरोना वैक्सीन सहित 2 अन्य वैक्सीन के सैंपल फेल चुके हैं।
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Shantanu Roy
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