हिमाचल प्रदेश

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कांगड़ा पहुंचे, CM जयराम ठाकुर से मिले, हिमाचली धाम का भी लिया लुत्फ

Renuka Sahu
17 Dec 2021 3:54 AM GMT
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कांगड़ा पहुंचे, CM जयराम ठाकुर से मिले, हिमाचली धाम का भी लिया लुत्फ
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फाइल फोटो 

आरएसएस के सरसंघ चालक मोहन भागवत हिमाचल प्रदेश के पांच दिवसीय दौरे के लिए कांगड़ा पहुंचे हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आरएसएस के सरसंघ चालक मोहन भागवत (Mohan bhagwat) हिमाचल प्रदेश के पांच दिवसीय दौरे के लिए कांगड़ा पहुंचे हैं. गुरुवार को कांगड़ा जिला के जसवां-परागपुर क्षेत्र के गंगोट पंचायत के मोईन गांव में आरएसएस के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से अकेले में मंत्रणा की. भागवत के आने से पहले ही मुख्यमंत्री जयराम (CM Jai Ram Thakur) स्वयंसेवक अशोक शर्मा के घर पहुंचे थे.

पारिवारिक सदस्यों से मिलने के बाद भागवत और जयराम ने बंद कमरे में शाम 7.29 बजे बात करनी शुरू की. यह मुलाकात ठीक 15 मिनट तक चली. बैठक खत्म हाने के बाद सीएम जिला मुख्यालय, ऊना के लिए रवाना हो गए. इससे पहले मोहन भागवत ने मां चिंतपूर्णी के दरबार में हाजिरी लगवाई और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा-अर्चना की.
भागवत मां के चरणों में शीश नवाने के बाद सीधे मोईन गांव पहुंचे, जहां स्थानीयवासियों ने उनका अभिनंदन किया. भागवत ने मोइन गांव के लोगों से बात करने के बाद सीएम से मंत्रणा की. इस दौरान कमरे में जयराम और भागवत के अलावा कोई और नहीं था. बड़ी बात यह भी है कि शाम को जब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर चिंततपूर्णी पहुंचे तो मंत्री वीरेंद्र कंवर व विधायकों सहित भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं का काफिला उनके साथ था, लेकिन देर शाम को भागवत के पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री अकेले ही मोईन गांव में पहुंचे हुए थे तो चिंतपूर्णी मंदिर में भी गिनती के प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस बल मौजूद रहे.
एक घंटे तक किया इंतजार
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने करीब एक घंटे तक भागवत का मोईन गांव में ही इंतजार किया. रात्रि भोज के बाद भागवत भी कांगड़ा के लिए रवाना हो गए. जब मोहन भागवत मोईन गांव में पहुंचे तो स्वागत समारोह में नन्हें-मुन्ने बच्चे भी शामिल थे. भागवत ने सभी बच्चों के नाम पूछे और वहां स्वागत में खड़े लोगों से फूल लेकर बच्चों पर पुष्पवर्षा की. भागवत ने कहा कि बच्चों की उपस्थिति से उन्हें खुशी मिल रही है. वहीं, मोईन गांव में रात्रि भोज में भागवत के लिए विशेष रूप से हिमाचली धाम बनाई गई थी.


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