हिमाचल प्रदेश

हिमाचल में नाबार्ड के पैसे से बनेंगे रोपवे और पॉलीहाउस, जानिए पूरी खबर

Admin Delhi 1
8 July 2022 10:55 AM GMT
हिमाचल में नाबार्ड के पैसे से बनेंगे रोपवे और पॉलीहाउस, जानिए पूरी खबर
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शिमला: हिमाचल में नाबार्ड प्रोजेक्ट के तहत पॉलीहाउस, रोपवे और सीवरेज परियोजनाओं का निर्माण होगा। इन परियोजनाओं पर 1134 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इन प्रोजेक्ट को ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास कोष (आरआईडीएफ) के तहत मंजूरी मिली है। प्रदेश में चल रहे नाबार्ड के प्रोजेक्ट को लेकर शिमला में गुरुवार को मंथन किया गया। इस मौके पर मुख्य सचिव रामसुभग सिंह और नाबार्ड के अध्यक्ष डा. जीआर चिंताला ने आपस में विचार साझा किए। इसमें प्रदेश भर में प्रस्तावित नाबार्ड प्रोजेक्ट्स पर चर्चा की गई। इसमें मुख्य रूप से कृषि, बागबानी और लोक निर्माण विभाग के प्रोजेक्टों को गतिशील करने पर ध्यान केंद्रित करने को बल दिया। इसमें हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अंतर्गत चल रही विभिन्न विकास परियोजनाओं के बारे में चर्चा की गई।

उन्होंने बताया कि नाबार्ड के अंतर्गत वर्ष 2021-22 के दौरान प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को जमीनी स्तर पर 20260.14 करोड़ रुपए ऋण प्रवाह, जबकि कृषि क्षेत्र में 8855.60 करोड़ रुपए ऋण प्रवाह रहा। वर्ष 2021-22 में वार्षिक ऋण योजना के अंतर्गत नाबार्ड की उपलब्धि 77.98 प्रतिशत रही है। मुख्य सचिव ने विभिन्न विभागों और नाबार्ड के अधिकारियों को कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए कहा। बैठक में प्रधान सचिव आरडी नज़ीम, प्रधान सचिव भरत खेड़ा, सचिव अमिताभ अवस्थी, सचिव डा. अजय कुमार शर्मा, क्षेत्रीय कार्यालय नाबार्ड के महाप्रबंधक डा. सुधांशु केके मिश्रा, विशेष सचिव राकेश कंवर सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम में 4.36 लाख किसान: मुख्य सचिव रामसुभग सिंह ने कहा कि राज्य में किसान क्रेडिट कार्ड के अंतर्गत 4.36 लाख किसानों को कवर किया जा चुका है और केसीसी के तहत पांच लाख से अधिक और किसानों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2021-22 में राज्य में फसल ऋण के रूप में लगभग 7296.17 करोड़ के ऋण वितरित किए गए हैं और वर्ष 2022-23 के लिए अनुमानित ऋण संभावना 29172.00 करोड़ लक्षित की गई है। राज्य के लिए स्वीकृतियां वित्तीय वर्ष 2017-18 में 510.59 करोड़ की तुलना में वित्तीय वर्ष 2021-22 में बढक़र 1134.33 करोड़ हो गई।

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