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हिमाचल प्रदेश
राजस्व अधिकारियों ने उठाई आवाज, पदोन्नति कोटा करें वापस
Renuka Sahu
14 Sep 2022 1:07 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com
प्रदेश के विभिन्न तहसील व उपतहसील में राजस्व अधिकारियों ने काले बिल्ले लगाकर सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर रोष प्रकट किया।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रदेश के विभिन्न तहसील व उपतहसील में राजस्व अधिकारियों ने काले बिल्ले लगाकर सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर रोष प्रकट किया। प्रदेश स्तर पर अपनी मांगों को लेकर राजस्व अधिकारियों का कहना है कि प्रशासनिक सेवाओं में पदोन्नति कोटा जो हमसे छीना गया है, उसे वापस दिया जाए और हिंदुस्तान के दूसरे प्रदेशों की तर्ज पर 35 फीसदी तक बढ़ाया जाए। तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों को वाहन सुविधा मुहैया करवाई जाए क्योंकि हरियाणा में भी पिछले साल 93 नई गाडिय़ां नायब तहसीलदारों को दी गई हैं।
नायब तहसीलदार चिडग़ांव सौरव धीमान ने बताया कि योग्य नायब तहसीलदारों को तहसीलदार के रिक्त पदों में पदोन्नति तहसीलों और उप तहसीलों के स्टॉफ को उच्च अधिकारियों ने अपने कार्यालयों में नियुक्त कर रखा है। हमारा तहसीलों का स्टाफ वापस दिया जाए। सभी विभागीय श्रेणियों से प्रशासनिक सेवाओं का पद्दोन्नति कोटा 50 से 70 फीसदी किया जाए। हिमाचल प्रदेश राजस्व अधिकारी महासंघ का कहना है कि पूरे प्रदेश भर में राजस्व अधिकारियों के लंबे समय से खाली चल रहे पदों को भरा जाए। जिन राजस्व अधिकारियों को अर्जित अवकाश और आकस्मिक अवकाश भी नहीं मिल पाता उनको उस अवकाश अवधी का अतिरिक्त वेतन दिया जाए।
हाल ही में डीआरओ के पद जैसे पहले भरे जा रहे थे, वैसे ही भरे जाने चाहिए। आवास और कार्यालयों में इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध होना चाहिए। सभी जिलों में मोबाइल भत्ता और आतिथेय भत्ता एक जैसा मिलना चाहिए। एक्स काडर की एलएओ और रिकवरी आदि पदों को डीआरओ के समकक्ष किया जाना चाहिए। राजस्व अधिकारियों की ग्रेड-पे पूर्ववत बहाल की जाए। हमारा पंजीकरण भत्ता पांच हजार तक होना चाहिए।
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