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बाहरी राज्यों से सप्लाई सचारू होने के बावजूद खुदरा बाजार के दामों में नहीं आई गिरावट
सोलन: जहां एक ओर सोलन सब्जी मंडी में टमाटर के दामों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, वहीं दूसरी ओर खुदरा बाजार में चल रहे दामों में कोई अंतर देखने को नहीं मिल रहा। मंडी में गिरावट आने के बावजूद खुदरा बाजार में उपभोक्ताओं को सोमवार भी महंगे दामों पर टमाटर खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है। सोमवार को सोलन मंडी में टमाटर की अधिकतम दर प्रति क्विंटल 11200 रुपए रही, जबकि औसतन दर 9600 रुपए प्रति क्विंटल रही। न्यूनतम दर के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो 3300 रुपए प्रति क्विंटल रही। अगर प्रति के्र ट के हिसाब से देखें तो 800 रुपए से लेकर 2700 रुपए प्रति के्रट टमाटर बिका। टमाटर के दामों में गिरावट आने के पीछे दो प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं। सबसे बड़ा कारण परवाणू के समीप चक्की मोड़ और कोटी के बीच राष्ट्रीय उच्च मार्ग पांच क ा क्षतिग्रस्त होने के कारण वाहनों की आवाजाही प्रभावित होना है, जबकि दूसरा कारण बेंगलरू और नासिक के टमाटर का सीजन शुरू होना बताया जा रहा है। बहरहाल दामों में कोई सुधार न आने के कारण किसानों की चिंताएं बढऩे लगी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मैदानी इलाकों की मंडियों ने बंगलरू और नासिक के टमाटर ने दस्तक दे दी है। जिस कारण भी टमाटर के दामों में गिरावट दर्ज की जा रही है। बता पिछले साल भी किसानों को शुरूआती दौर में तो टमाटर के बेहतर दाम मिले, लेकिन जैसे ही बंगलरू से टमाटर का सीजन आरंभ हुआ वैसे ही यहां के किसानों को अपने उत्पाद को औने पौने दामों पर बेचने पर मजबूर होंना पड़ा। करीब एक सप्ताह पूर्व टमाटर के दाम 4200 रुपए प्रति क्रेट तक पहुंच गए थे, लेकिन जैसे ही राष्ट्रीय उच्च मार्ग का एक बड़ा भाग धसा देखते ही देखते टमाटर के दामों पर इसका प्रभाव पडऩे लगा। टमाटर के दामों पर दूसरा झटका इसी बीच नीचली मंडियों में बंगलरू से शुरू हुए टमाटर के सीजन का पड़ा। मार्ग के क्षतिग्रस्त होने और बंगलरू से टमाटर का सीजन शुरू होने के कारण मैदानी इलाकों से खरीददारों ने रूख कम कर दिया है।