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- देश भर में छाई कुल्लू...
भुंतर: जिला कुल्लू को हर साल करीब करोड़ों की आमदनी देने वाले सेब से देश भर की मंडियां लवरेज होने लगी है। कश्मीरी सेब के मार्केट में आने से पहले कुल्लू सहित अन्य जिलों की फसल ने देश भर की मंडियों पर कब्जा कर लिया है और हर रोज एक हजार टन से अधिक खेप मार्केट में पहुंच रही है। कुल्लू में दो सप्ताह से सेब की आमद चरम पर है और अगस्त के पहले सप्ताह में करीब 1200 टन सेब जिला की तीन मंडियों भुंतर, बंदरोल व पतलीकूहल मार्केट में पहुंच चुका है। मार्केट बोर्ड के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जुलाई और अगस्त के पहले सप्ताह में जिला कुल्लू की मंडियों से करीब 1700 टन से अधिक सेब की फसल देश की मंडियों तक पहुंची है। जानकारी के अनुसार पिछले एक सप्ताह से जिला भर की मंडियों में हर रोज 80 से 100 टन तक की फसल पहुंच रही है, जो आने वाले दिनों में कई गुना बढऩी तय है।
पिछले एक सप्ताह में बंदरोल मंडी में 750 टन, भुंतर में 280 टन व पतलीकूहल में 180 टन सेब मार्केट में पहुंचा है। मार्केट बोर्ड के अनुसार पिछले साल इसी अवधि तक बंदरोल में करीब 15000 टन, भुंतर में 3000 व पतलीकूहल में 8000 टन फसल पहुंच चुकी थी , लेकिन इस बार बार मौसम प्रतिकूल होने से फसल करीब तीन सप्ताह देरी से तैयार हुई है।
सेब के दाम अच्छे मिलने से बागबान खुश
जिला कुल्लू के बागबानी विशेषज्ञों के अनुसार अरली व विदेशी किस्मों को मार्केट में अच्छा रेट मिल रहा है और इससे किसानों को आय ज्यादा हो रही है। इनके अनुसार आने वाले करीब एक माह तक जिला का सेब मार्केट में इसी क्रम में पहुंचता रहेगा।
जम्मू-कश्मीर में अर्ली वैरायटी की धूम
देश में सबसे बड़े सेब उत्पादक राज्य जम्मू-कश्मीर में भी सेब की अर्ली वैरायटी बाजार तक पहुंचने लगी है, तो उससे पहले ही कुल्लू सहित प्रदेश भर के बागबान अपनी फसल को निपटाने में लगे हैं। घाटी में सेब को इस बार अच्छे दाम मिल रहे हैं। कारोबारियों के अनुसार अभी तक देश भर की मंडियों में हिमाचली सेब ही नजर आ रहा है। इसके अलावा उत्तरी भारत के अन्य राज्यों में भी राज्य का सेब पहुंच रहा है।
सोलन में बिफरे आढ़ती-लदानी
सेब की पेटी पर काट सहित किलो के हिसाब से फल की खरीद पर सचिव से मिले
सेब की पेटी पर काट सहित किलो के हिसाब से सेब की खरीद को लेकर सोमवार को आढ़ती और लदानी एक बार फिर बिफर गए। इसके कारण कुछ समय के लिए सोलन सेब मंडी में सेब का कारोबार ठप रहा। करीब एक घंटे के बाद मंडी में सेब का कारोबार दोबारा शुरू हुआ। सेब की पेटी पर काट सहित किलो के हिसाब से सेब की खरीद को लेकर मुद्दा सचिव एपीएमसी सोलन के पास पहुंचने पर आढ़त और लदानी सचिव से मिले। लदानियों और आढ़तियों ने अपनी मांगों को सचिव एपीएमसी सोलन के समक्ष रखा। दोनों वर्ग सेब की पेटी पर काट सहित किलो की बजाए पेटी के हिसाब से सेब की मांग को लेकर पहुंचे थे। इसके अलावा ग्रेडिंग के हिसाब से सेब की पैकिंग का मुद्दा भी उठाया गया, जिस पर सचिव एपीएमसी सोलन रविंद्र शर्मा ने कहा कि सेब की खरीद फरोख्त में किसी भी प्रकार की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
प्रदेश सरकार के आदेशों के अनुसार ही सेब की खरीद फरोख्त होगी। उन्होंने बागबानों को सलाह दी कि सेब की पैकिंग ग्रेडिंग के हिसाब से ही करें। उन्होंने कहा कि सरकार के आदेशों के अनुसार सेब की पेटी में से किसी भी प्रकार की कोई काट नहीं की जाएगी और सेब की खरीद फरोख्त किलो के हिसाब से ही होगी। गौरतलब है कि इससे पूर्व भी आढ़तियों द्वारा सेब की खरीद पेटी के हिसाब से किए जाने की मांग को लेकर एक दिन की हड़ताल की जा चुकी है। पिछले साल के आकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो सोलन सेब मंडी में करीब 400 करोड़ का कारोबार हुआ था।