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साल 2023 के पहले छह माह में रिकॉर्ड 1.06 करोड़ सैलानियों ने हिमाचल की वादियां निहारी हैं। प्रदेश में पहली बार जून तक ही सैलानियों की संख्या एक करोड़ पार हो गई है। अभी फेस्टिवल और विंटर सीजन आना है। ऐसे में प्रदेश में आने वाले सैलानियों की संख्या इस साल और अधिक बढ़ने की संभावना है। इससे पहले साल 2019 में जनवरी से जून तक सबसे अधिक 90.61 लाख सैलानी देवभूमि हिमाचल पहुंचे थे
अप्रैल से जून तक प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों में आने वाले सैलानियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है। अप्रैल में करीब 15 लाख, मई में 21 लाख और जून में 25 लाख सैलानी हिमाचल प्रदेश पहुंचे। जनवरी से मार्च तक प्रतिमाह 12 से 13 लाख सैलानियों का आना हुआ। सुक्खू सरकार ने प्रदेश का राजस्व बढ़ाने के लिए पर्यटन क्षेत्रों को अपनी प्राथमिकता में रखा है। कांगड़ा को पर्यटन राजधानी का दर्जा तक दिया है।
कोरोना संकट के दौरान सैलानियों की संख्या में दो साल तक आवाजाही में कुछ कमी रही। इसे बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने विशेष प्रयास किए। ऐसे राज्य जहां से हिमाचल में लोग कम आते हैं, वहां विशेष फोकस किया गया। पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत में जाकर ट्रेड फेयर आयोजित किए गए। पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को अन्य राज्यों में भेज कर हिमाचल के पर्यटन स्थलों का प्रचार-प्रसार किया गया।
जिसके चलते इस साल जून तक ही प्रदेश में आने वाले सैलानियों की संख्या बढ़कर एक करोड़ पहुंच गई है। जुलाई के पहले सप्ताह में जब प्रदेश में प्राकृतिक आपदा आई, उस समय कुल्लू-मनाली में ही करीब 70 हजार सैलानी मौजूद थे। सरकार ने सभी सैलानियों को सुरक्षित निकाल कर घरों तक पहुंचाया है। अब व्यवस्थाओं को पटरी पर लौटाने की कवायद शुरू हो गई है। सितंबर से प्रदेश में फेस्टिवल सीजन शुरू होगा। इसके बाद नवंबर से विंटर सीजन का आगाज होगा।
वर्ष सैलानियों की संख्या
2018 88,98,620
2019 90,61,269
2020 22,05,634
2021 19,76,091
2022 86,42,390
2023 1,0006,743
साल 2022 में 1.50 करोड़ पर्यटकों ने किया रुख
साल 2022 के दौरान हिमाचल में आने वाले सैलानियों की कुल संख्या 1.50 करोड़ थी। इस साल पहले छह माह के दौरान ही सैलानियों की संख्या एक करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है।
प्रदेश में सैलानियों को आकर्षित करने के लिए इस बार विशेष प्रयास किए गए। देश के प्रमुख शहरों में जाकर व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया। सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदेश के ऐसे पर्यटन स्थलों की वीडियो के माध्यम से जानकारियां दी गईं, जिनके बारे में सैलानियों को अधिक पता नहीं था। सरकार की ओर से ऐसे पर्यटन स्थलों में सुविधाओं को बढ़ाया गया। अतिथि देवो भव का पालन किया गया। इसके परिणामस्वरूप प्रदेश में सैलानियों की आमद बढ़ी है
